गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Crude oil was $ 147 per barrel in 2008, know how petrol was 50 rupees a liter then?
Last Updated : गुरुवार, 7 अप्रैल 2022 (19:01 IST)

2008 में 147 डॉलर प्रति बैरल था क्रूड ऑइल, जानिए तब 50 रुपए लीटर कैसे था पेट्रोल?

आखिर मनमोहन सिंह सरकार में क्यों इतना सस्ता था पेट्रोल-डीजल, आसमान छूते पेट्रोल-डीजल के भाव पर वेबदुनिया की पड़ताल

2008 में 147 डॉलर प्रति बैरल था क्रूड ऑइल, जानिए तब 50 रुपए लीटर कैसे था पेट्रोल? - Crude oil was $ 147 per barrel in 2008, know how petrol was 50 rupees a liter then?
नई दिल्ली। रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से ही अंतरराष्‍ट्रीय स्तर कर क्रूड ऑइल दबाव में नजर आ रहा है। इस वजह से देश में पेट्रोल डीजल के कीमतें लगातार बढ़ रही है। पिछले 17 दिन में पेट्रोल-डीजल 10 रुपए महंगा हो चुका है। CNG से लेकर रसोई गैस तक सभी तरह के ईंधन के दामों में आग लगी हुई है। पेट्रोल डीजल के रास्ते आई महंगाई से आम आदमी के बजट बुरी तरह गड़बड़ा दिया है। ऐसा नहीं है कि पहली बार क्रूड के दाम 140 डॉलर के करीब पहुंचे हैं। 2008 में तो क्रूड ऑइल 147 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया था। हालांकि तब पेट्रोल के दाम करीब 50 रुपए लीटर थे। उस समय डीजल की कीमत भी 35 रुपए प्रति लीटर के आसपास थी। जानिए क्या है तेल का खेल? क्यों यूपीए राज में इतना सस्ता था पेट्रोल डीजल?
2022 में तेल पर कितना लगता है टैक्स : तेल के इस खेल को समझने के लिए आपको इस पर लगने वाले टैक्स को समझना होगा। पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी टैक्स लेती है। दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल पर 27.90 रुपए एक्साइज ड्यूटी लगती है। यह केंद्र सरकार के खाते में जाती है। 15.50 रुपए वैट लगता है जो राज्य सरकार लेती है। इस तरह पेट्रोल पर कुल 43.40 रुपए टैक्स लगता है। इसके अलावा 3.77 रुपए प्रति लीटर डीलर कमीशन है।
 
इसी तरह दिल्ली में 1 लीटर डीजल खरीदने पर 21.80 रुपए एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार को मिलती है। 12.68 रुपए वैट लगता है जो  राज्य सरकार लेती है। कुल मिलाकर होता है 34.48 रुपए। डीजल की कीमत में करीब 40 फीसदी हिस्सा तो सिर्फ टैक्स का है। इस पर 2.57 रुपए डीलर कमीशन होता है। तेल पर अपने हिस्से को ना तो केंद्र छोड़ना चाहता है और ना ही राज्य। इसी वजह से इसे GST में शामिल नहीं किया गया है।
 
2008 में पेट्रोल डीजल पर कितना टैक्स लगता था : 2008 के बजट के अनुसार 1 लीटर पेट्रोल पर कुल एक्साइज ड्यूटी 14.35 रुपए थी जबकि डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 4.65 रुपए थी। वहीं दिल्ली में डीजल-पेट्रोल पर वैट करीब 20 फीसदी था। दिल्ली में पेट्रोल का बेस प्राइस 21.93 रुपए था, जबकि डीजल का बेस प्राइस 22.45 रुपए था। तब पेट्रोल की कीमत का करीब 49 फीसदी एक्साइज ड्यूटी और वैट होता था, जबकि डीजल का 26 फीसदी एक्साइज ड्यूटी और टैक्स में जाता था। 
 
2008 पेट्रोल की कीमत 50.56 रुपए लीटर और डीजल की कीमत 34.80 रुपए प्रति लीटर थी। 7 अप्रैल 2022 को दिल्ली में पेट्रोल 105.41 रुपए प्रति लीटर और डीजल 96.67 रुपए प्रति लीटर है। इस तरह देखा जाए तो हम मनमोहन राज की तुलना में 1 लीटर पेट्रोल पर 54.85 रुपए और डीजल पर 61.87 रुपए प्रति लीटर ज्यादा कीमत चुका रहे हैं।
 
क्यों सस्ता था पेट्रोल डीजल : 2008 में भले ही क्रूड के दाम आसमान (अधिकतम 147 डॉलर प्रति बैरल) पर थे लेकिन डीजल-पेट्रोल का बेस प्राइस आज की तुलना में 40-42 फीसदी था। वर्तमान में बेस प्राइस अधिक होने की वजह से वैट भी बढ़ा है। वहीं एक्साइज ड्यूटी भी तब पेट्रोल पर कुल 14.35 रुपए और डीजल पर 4.65 रुपए थी। वहीं आज पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी क्रमश: 27.90 रुपए (पेट्रोल) और 21.28 रुपए (डीजल) है।
 
क्यों हो रही है 2008 से तुलना : 2008 में दुनिया आर्थिक मं‍दी की चपेट में थी। इस वर्ष ट्रेडिंग के पहले ही दिन कच्चा तेल 100 डॉलर पर था। जून में पहली बार कच्चा तेल 140 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया। जुलाई में इसकी कीमत 147 डॉलर के स्तर को भी पार कर गई। 
 
इसका असर भारत पर भी हुआ और उस दौर में महंगाई चरम पर पहुंच गई। उस समय भी तेल में तेजी पर विपक्ष ने सरकार की जमकर घेराबंदी की थी। हालांकि इसी वर्ष तेल ने अपना निचला स्तर भी देखा और यह 35.4 डॉलर प्रति बैरल तक भी पहुंचा। इस वर्ष तेल का इंपोर्ट करने वाले भी घाटे में रहे तो एक्सपोर्ट करने वालों को भी भारी नुकसान हुआ।