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Last Updated : मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024 (15:58 IST)

चंडीगढ़ मेयर चुनाव, भाजपा को सुप्रीम कोर्ट का तगड़ा झटका

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फिर से होगी वोटों की गिनती

supreme court
Shock to BJP in Chandigarh Mayor elections: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन के मेयर की जीत का रास्ता लगभग साफ हो गया है। अदालत ने कहा कि वोटों की गिनती फिर से की जाएगी।
 
हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद भाजपा के महापौर मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर हुए विवाद में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई थी।
 
जीत सकता है आप का उम्मीदवार : मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 8 अमान्य वोटों की जांच के बाद कहा कि उन्हें वैध वोट के दौर पर फिर से गिना जाएगा। इसी आधार पर मेयर चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। अदालत ने आप के बीच विवाद के केंद्र में 8 अमान्य वोटों की जांच की और उन्हें वैध माना। अब वोटों को फिर से गिना जाएगा और उसी आधार पर परिणाम घोषित किए जाएंगे। 
 
मसीह से जजों ने किए सवाल : सुनवाई की शुरुआत में, चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एक न्यायिक अधिकारी की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराया जाए। शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुपालन में मसीह पीठ के समक्ष उपस्थित हुए और न्यायाधीशों ने कुछ मतपत्रों में कथित छेड़छाड़ के मामले में उनसे सवाल किए।
 
न्यायाधीशों के सवालों का जवाब देते हुए, मसीह ने कहा कि उन्होंने पहले से ही विरूपित 8 मतपत्रों पर एक्स चिह्न लगाया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के पार्षदों पर हंगामा करने और मतपत्र छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के चलते वह मतगणना केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तरफ देख रहे थे।
 
एक्स का निशान क्यों लगाया? : निर्वाचन अधिकारी ने 8 मतपत्रों पर एक्स निशान लगाने की बात स्वीकार करते हुए दावा किया कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया ताकि वे मिश्रित न हो जाएं। इस पर पीठ ने कहा था कि आप मतपत्र पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। लेकिन आप उन मतपत्रों पर 'एक्स' चिह्न क्यों लगा रहे थे।
 
आप नेता के वकील ने कहा कि मसीह भाजपा की अल्पसंख्यक शाखा के सदस्य थे और उनके कदाचार के बावजूद चुनाव प्रक्रिया को अब तार्किक निष्कर्ष तक ले जाया जा सकता है। इस दलील का सॉलिसिटर जनरल ने इस आधार पर विरोध किया कि माना जाता है कि कुछ मतपत्र फटे हुए हैं।
 
आप पार्षद कुलदीप कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने चंडीगढ़ में दोबारा महापौर चुनाव की मांग करने वाली पार्टी की अर्जी पर कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। (एजेंसी/वेबदुनिया)