• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Center's fiscal deficit is 6.7 percent, states are estimated to be 3.5 percent
Written By
Last Modified: गुरुवार, 2 जून 2022 (18:05 IST)

केंद्र का राजकोषीय घाटा 6.7 फीसदी, राज्यों का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान, सरकार ने जारी किए आंकड़े...

केंद्र का राजकोषीय घाटा 6.7 फीसदी, राज्यों का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान, सरकार ने जारी किए आंकड़े... - Center's fiscal deficit is 6.7 percent, states are estimated to be 3.5 percent
मुंबई। बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच देश की राजकोषीय नीति के मौद्रिक नीति के साथ तालमेल बैठाने और बढ़ती सब्सिडी के बीच कदम उठाने से एकीकृत राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 10.2 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर रह सकता है। एक साल पहले की तुलना में यह 0.20 प्रतिशत कम होगा।

यूबीएस सिक्योरिटीज ने गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में राजकोषीय घाटा कम करने के लिए सख्य नीतिगत कदमों की जरूरत पर जोर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में केंद्र का घाटा 6.7 प्रतिशत और राज्यों का 3.5 प्रतिशत रह सकता है।

सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र एवं राज्यों का संयुक्त राजकोषीय घाटा 9.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जिसमें केंद्र का घाटा 6.4 प्रतिशत और राज्यों का 3.4 प्रतिशत रहने की बात कही गई है।

रिपोर्ट कहती है कि सख्य मौद्रिक कदम आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति के दबाव को लगभग 0.50 प्रतिशत तक कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन जिंसों की वैश्विक कीमतों में नरमी नहीं आने तक मुद्रास्फीति को रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर (चार प्रतिशत से दो प्रतिशत कम या अधिक) के भीतर लाने के लिए ये कदम पर्याप्त नहीं होंगे।

ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज की मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मु्द्रास्फीति औसतन 6.5-7 प्रतिशत रहने पर रिजर्व बैंक इस वित्त वर्ष के अंत तक रेपो दर को क्रमिक रूप से बढ़ाते हुए 5.5 प्रतिशत तक ले जा सकता है। वहीं वर्ष 2023-24 के अंत तक रेपो दर को रिजर्व बैंक छह प्रतिशत तक कर सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि इन कदमों से एकीकृत राजकोषीय घाटा जीडीपी का 10.2 प्रतिशत रह सकता है। इसमें केंद्र का घाटा 6.7 प्रतिशत और राज्यों का 3.5 प्रतिशत हो सकता है। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 10.4 प्रतिशत रहा था।(भाषा)
ये भी पढ़ें
नहीं रहे विश्वप्रसिद्ध संतूर वादक भजन सोपोरी, गुरुग्राम में ली अंतिम सांस