Pulwama Attack : बनिहाल से उड़ी तक का हाईवे अब सेना के हवाले
जम्मू। पुलवामा हमले के बाद एक बड़े फैसले में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग की सुरक्षा का जिम्मा अन्य सुरक्षाबलों से वापस लेते हुए इसे सेना के हवाले कर दिया गया है। विशेषकर बनिहाल से उड़ी तक के हिस्से पर सेना तैनात रहेगी और अन्य सुरक्षाबलों के काफिलों को भी सेना के काफिलों के साथ ही चलना होगा। इस बीच केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सभी कर्मियों को दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, जम्मू-श्रीनगर और श्रीनगर-जम्मू पर हवाई यात्रा की सुविधा को मंजूरी दे दी है।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद केरिपुब, सेना और बीएसएफ ने फैसला किया है कि अब से उनके काफिले एक ही समय पर चला करेंगे और उन्हें सेना की कमान के तहत ही चलना होगा। दरअसल ऐसा राजमार्गों की सुरक्षा को सेना के हवाले कर देने के बाद हुआ है। निर्देश के मुताबिक काफिले के रास्तों का नागरिक ट्रैफिक उस समय तक रुका रहेगा जब तक काफिले निकल नहीं जाते।
यही नहीं, जम्मू से श्रीनगर वाले काफिले की मूवमेंट एक दिन से बढ़ा कर दो दिन कर दी गई है अर्थात अब इस रास्ते से गुजरने वाले सैन्य वाहन पहले के मुकाबले ज्यादा जगहों पर रुक-रुककर चलेंगे। इसलिए रास्ते में पड़ने वाले कैंपों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। साथ ही पुलवामा और पंपोर जैसे संवेदनशील इलाकों के मद्देनजर काफिले के निकलने के समय निर्धारण में भी बदलाव किया जाएगा।
इस बदलाव को लेकर एक अधिकारी का कहना था कि असली खतरा काजीकुंड और बनिहाल से शुरू होता है। बीच रास्तों में काफिलों पर हमला होने का खतरा रहता है। हमने पाया है कि ज्यादातर हमले दोपहर के समय होते हैं। इसलिए तय किया गया है कि अब से इन रास्तों के लिए काफिलों को सुबह चला जाएगा। उन्होंने पुष्टि की कि इसकी खातिर सेना को राजमार्ग का चार्ज दिया गया है।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सभी कर्मियों को दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, जम्मू-श्रीनगर और श्रीनगर-जम्मू पर हवाई यात्रा की सुविधा को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 7 लाख 80 हजार कर्मियों को लाभ होगा। इससे कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और एएसआई लेवल के कर्मियों को फायदा होगा। इससे पहले इस श्रेणी के कर्मियों को यह सुविधा नहीं दी जाती थी। सभी अर्धसैनिक बलों के लिए जारी किया गया यह आदेश आज से प्रभावी हो गया है।