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Last Updated : शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2022 (13:13 IST)

सेना के कैनाइन वॉरियर जूम की जांबाजी सुनकर आप भी करेंगे सैल्यूट, आतंकियों से लड़ते हुए दिया बलिदान

सेना के कैनाइन वॉरियर जूम की जांबाजी सुनकर आप भी करेंगे सैल्यूट, आतंकियों से लड़ते हुए दिया बलिदान - Army Canine Warrior Zoom, played key role in operation against terrorism
श्रीनगर। सेना ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के ऑपरेशन तांगपावा में शहीद हुए आर्मी कैनाइन वॉरियर जूम को श्रद्धांजलि अर्पित की। चिनार वॉर मेमोरियल, बीबी कैंट में एक भव्य समारोह में, चिनार कॉर्प्स के सभी रैंकों की ओर से, लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला, जीओसी चिनार कॉर्प्स ने वीर सैनिक को श्रद्धांजलि दी।
 
कौन था जूम : बेल्जियन मैलिनॉय (Belgian Malinois) ब्रीड का जूम चिनार वारियर्स का एक महत्वपूर्ण सदस्य था। 2 साल की अपनी छोटी उम्र के बावजूद, जूम पहले भी उनके साथ कई सक्रिय अभियानों का हिस्सा रह चुका था। उसने अपनी ऊर्जा और साहस से खुद को प्रतिष्ठित किया था।
 
जूम के रूप में, चिनार कॉर्प्स ने एक बहादुर टीम सदस्य खो दिया है, जो सभी रैंकों को विनम्रता, समर्पण और साहस के साथ अपना काम करने के लिए प्रेरित करेगा।
 
गोलियों लगने के बाद भी हार नहीं मानी : जूम को एक सैन्य ऑपरेशन के दौरान उस घर के अंदर भेजा गया था, जहां आंतकवादी छिपे हुए थे। आतंकियों ने उस पर गोलियां चला दीं जिसमें जूम को दो गोलियां लगीं, लेकिन इसके बावजूद वह आतंकियों से लड़ता रहा और उसकी मदद से सेना ने 2 आंतकियों को मार गिराया।
 
गोली लगने के बाद जूम को श्रीनगर स्थित सेना के पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। सेना के अधिकारियों ने कहा कि जूम पहले भी उनके साथ कई सक्रिय अभियानों का हिस्सा रह चुका था। इस बार जूम को दो गोली लगी थीं, फिर भी वह आतंकियों से लड़ता रहा और अपना काम पूरा किया। उसकी मदद से हमने दो आतंकियों को मार गिराया।
 
सलामती के लिए मांगी जा रही थी दुआ : अनंतनाग एनकाउंटर में आतंकियों की गोलियों से जख्मी हुए सेना के जासूस डॉग ‘जूम’ की सलामती की खातिर दुआएं मांगी जा रही थी। हालांकि 13 अक्टूबर को इलाज के दौरान उसका निधन हो गया।
 
30 जुलाई को शहीद हुआ था एक्सल : इससे पहले 30 जुलाई को सेना का एक अन्य डाग ‘एक्सल’ भी एक आतंकी हमले में शहीद हो गया था। एक्सल को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
Edited by : Nrapendra Gupta
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