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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 7 नवंबर 2023 (21:25 IST)

deepfake : रश्मिका मंदाना के वीडियो के बाद कैटरीना कैफ की टॉवल वाली फोटो से छेड़छाड़, क्या बोली सरकार

deepfake : रश्मिका मंदाना के वीडियो के बाद कैटरीना कैफ की टॉवल वाली फोटो से छेड़छाड़, क्या बोली सरकार - After Rashmika Mandanna, Katrina Kaifs Deepfake photo from Tiger 3 goes viral
नई दिल्ली। केंद्र ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और फेसबुक समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को हटाने के लिये कहा है।  एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का काट-छांट किया गया (डीप फेक) वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रहा है। 
 
नेटिज़न्स का दावा है कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई है और वास्तविक वीडियो ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय मूल की महिला का है ।
 
एक सूत्र ने पीटीआई को आईटी नियमों के उपबंध और सोशल मीडिया कंपनियों के दायित्वों का हवाला देते हुए सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक परामर्श जारी किया गया है।
 
परामर्श के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उस सामग्री को हटाने या अक्षम करने के लिए सभी उपाय करने चाहिए जो इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रतिरूपण की प्रकृति में है।
 
इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया मध्यस्थों को नियमों और विनियमों, गोपनीयता नीति या यूजर्स समझौते को सुनिश्चित करने सहित उचित परिश्रम का पालन करना चाहिए और उपयोगकर्ताओं को किसी अन्य व्यक्ति का प्रतिरूपण करने वाली किसी भी सामग्री को पोस्ट न करने के लिए सूचित करना चाहिए।
 
सूत्र ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों के नियम के मुताबिक काम करने में विफल रहने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय कार्रवाई करेगा।
 
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अभिनेत्री के डीप फेक वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा था कि सोशल मीडिया कंपनियां किसी भी गलत सूचना को हटाने के लिए बाध्य हैं।
 
मंत्री ने कहा था कि यदि प्लेटफॉर्म अप्रैल 2023 में अधिसूचित आईटी नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो नियम सात लागू होगा और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत पीड़ित अदालत में जा सकता है ।
 
उन्होंने कहा था कि डीप फेक, गलत सूचना का नवीनतम और उससे भी अधिक खतरनाक एवं हानिकारक स्वरूप है तथा सोशल मीडिया को इससे निपटने की जरूरत है।

3 साल की सजा और 2 लाख जुर्माना: आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 66E के तहत बिना इजाजत किसी की फोटो और वीडियो बनाने पर 3 साल सजा और 2 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान है।

इस नियम के तहत गोपनियता के उल्लंघन के दोषी पाए जाने पर कार्रवाई का नियम है। इसमें किसी की पर्सनल फोटो बिना इजाजत कैप्चर करने, उसे शेयर करने के आरोप के तहत कार्रवाई हो सकती है।
 
डीपफेक के मामले में आईपीसी के सेक्सन 66C, 66E और 67 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसमें आईपीसी की धारा 153A और 295A के तहत मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जा सकती है।
 
आईटी एक्ट सेक्शन 67 के तहत सॉफ्टवेयर या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किसी की अश्लील फोटो की बनाने और उसे शेयर करने पर 3 साल जेल और 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसा बार-बार करने पर आपको 5 साल जेल और 10 लाख जुर्माना देना पड़ सकता है। इनपुट पीटीआई
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