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Written By WD

मेरा ब्लॉग में व्यंग्य रचना : 'छ' व्यंजन की छमाछम !

मेरा ब्लॉग में व्यंग्य रचना  :  'छ' व्यंजन की छमाछम ! - webdunia blog
सीनसिनाटी, ओहायो (USA) से लावण्या शाह
 
मुझ नाचीज़ पे भी एक नजर डालिए हुज़ूर !  जी हां मैं हूं 'छ' ! हरेक शब्द कुछ स्वरों और व्यंजनों का मिलाजुला स्वरूप होता है और शब्दों से ही वाक्य बनते हैं और भाषा प्रवाहीत होती है। 

 
मनुष्य ऐसा जीव है जिसे अपने मन की बात दूसरे के मन तक पहुंचाने के लिए भाषा का प्रयोग करना पड़ता है। हिन्दी भाषा भी स्वर एवं व्यंजनों से सजी वर्णमाला है। जो जगमगा रही है जिसके मध्य में आपको 'छ' भी मिल जाएगा। 
 
'छ' अक्सर शब्दों के आरम्भ में या मध्य में अथवा अंत में प्रयुक्त होता है।  याद करें ' छ ' से महिमा मंडीत हुए कौन कौन से शब्द इस वक्त आपको याद आ रहे हैं? 
 
चलिए हम भी 'छ' के संग हो लें। 'कुछ' शब्द में अंत में 'छ' आता है तो छात्र, छत्र में आरम्भ में और लांछन में मध्य में 'छ' उपस्थित है। अजी बरखा की छमाछम में भी तो मेरा समावेश हुआ है! ओह, तब तो आप जरा अपना  'छाता' भी खोल लें! कहीं बरखा रानी की छटा देखते देखते आप भीग ना जाएं ! छत्री की छत्रछाया में आप सुरक्षित भी रहेंगें और वर्षा का आनंद भी लेते रहेंगें!  देवी मां का एक स्वरूप ' छीन्नमस्ता ' नाम से पूजित है।
 
 मुझे गर्व है कि देवी के मंगलमय स्वरूप के संग मेरा आराम्भाक्षर 'छ' भी जुडा  हुआ है ! हां यह अलग किस्सा है कि कई देवियां  कलियुग में 'छमक छल्ल्लो' भी कहलाईं ! जिस पर एक धमाकेदार गीत 'आईटम सांग'  बन कर मशहूर हुआ और करीना और शाहरूख ने ठुमके भी लगाए! अब उसकी कथा फिर कभी।      माताएं अपने लालन पालन के समय 'ये न छूना 'छी  छी  है '  कहकर 'छ' से हर शिशु को परिचित करवातीं रहीं हैं। 
 
 बहुरूपियों को कोइ पहचान नहीं पाता।  किन्तु वहां भी मैं माने 'छ' द्रष्टिगोचर हूँ और 'छद्म वेशी' भी ऐसे बहुरूपिये के लिए ही कहा जाता है। 
 
  अजी , मुहावरों में भी मैं दीख जाता हूं।
 
 ' अगर कोई ऐसी बात हो जिसे कहा भी न जाए और चुप भी न रहा जाए, या कहने से अपने आप को रोका भी न जाए वैसी परिस्थिति हो तब उस को 'सांप-छछुन्दर सी गति हो जाना' कहते हैं। जब सांप छछुन्दर को ना तो निगल सके ना ही उगल सके वैसी स्थिति देख कर ही ये मुहावरा चल निकला ! 
 
 'छ' की महिमा का कहां तक  बखान किया जाए जी? बात तो इतनी सूक्ष्म है कि,  सूई के छिद्र, माने सूराख से भी पार हो जाए ! 
 
 नृत्यांगना अपने पैरों पे घूंघरू बांधे नाचती है तब ' छम छम, छन  छननन छुन्न, छन छन ' में भी मैं ही मुखरित हुआ हूं! और तो और ' छुन्नु मिश्रा जी जो बड़े भारी गवैये हैं उनकी गायकी जितनी लोकप्रिय हुई लोग उनका नाम भी बड़े स्नेह से लेते रहे और साथ साथ उनके नाम 'छुन्नु'  से लगा  'छ' भी तो लोगों की जबान पे चढ़ कर बोला है ! 
 
भारतीय परिवारों में अक्सर ,ऐसा होता है  कि बच्चों को  बचपन में 'छुटका, छुटकी, छुटके कह कर लाड़  से पुकारा जाता रहा है। जी हां शौक से पुकारिए आपका प्यार दुलार पाकर मैं भी तो फूला नहीं समाता !
 
 छोटी ना कोई बात होती है ना ही जात!  - सब बराबर होते हैं ! सारे जीव, एक परमात्मा ईश्वर के बनाये हैं ! 
 
एक समान ! वैसे ही जैसे ग्राम प्रान्तर में हर कुटिया पे पड़ा छप्पर! जहां छप्पन भोग कभी परोसे नहीं जाते !  
 
सन सतावन की याद आये उसके ठीक पहले याद कीजिये कि अंक 56'  छप्पन ' मेरे दम से ही गिना गया था ! 'छ' से आती है छठी ! छठी का त्योहार आते ही  सूर्य नारायण पूजे जाते हैं।  छाछठ, छतीस जैसी रकम मुझ से ही दीप्तिमान हैं। 
 
अब कुछ बुरी बातों पे भी नजर डालें जैसे कि, जेल से छूटते ही कैदी घर को भागते हैं और छूआछुत जैसा जहर समाज में फैलाने वाली प्रथा भी बुरी है। 
 
जाति प्रथा का यह रोग समाज के लिए बोझिल बना तब महात्मा जी ने इस प्रदूषण को साफ़ करने का भरसक प्रयास किया! दीन हीन जन को सम्मान मिले ऐसे प्रयास जारी हुए। जय हो गांधी बापू की ! छल कपट की एक ना चली! अब भारतीय प्रजा स्वतन्त्रता प्राप्त कर, जनता अब आगे चली ! 
अब आपको अगला पिछला क्या-क्या गिनाऊँ ? 'छ' की स्मृति मानस पटल से कोइ छीन न पाएगा ! 
 
चाहे आपस में छनती रहे, या कोई छोड़कर चलता बने, हमें क्या? हम तो सदा से रहे हैं बस छटांक भर के ! हमारा पात्र छुक-छुक करती रेल गाड़ी सा चलता जायेगा ! छितरन उतरे भी तो क्या ? मुझे विश्वास है इस बात पर कि दूर क्षितिज के छोर तक 'छ' का नजारा दीखता रहेगा !  अब छोडिए भी ! छोटे मुंह बड़ी बात क्या बोलूं? 
 
आपके छुटपन से बड़प्पन तक मैं आपके साथ रहा हूं  जी और वादा करता हूं कि, सदा रहूंगा ! चलिए अब आज्ञा लेता हूं। …. 
 
    अब कहीं आप को 'छ' दीख पड़े तब मुस्कुराइएगा और मैं प्रसन्न हो जाऊंगा ! एक बात और कह  लूं  
 
अगर कछू जियादा ही कह गया होऊं तब 'छमा' करीयो जी ! 
 
अलविदा ' आपका - 'छ' 
(*लेखिका लावण्या दीपक शाह )