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Written By Author डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

भारत और मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया में नेपाली जहर

भारत और मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया में नेपाली जहर - Nepali poison against Modi and India on Social Media
# माय हैशटैग
 
नेपाल में भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार जारी है। यह दुष्प्रचार नेपाल के नए संविधान को लेकर भारत की कथित आपत्ति पर है। नेपाल ने हाल ही में अपना नया संविधान स्वीकार किया है, जिसे वहां की संसद ने 20 सितंबर 2015 को अंगीकार भी कर दिया है। 
 
नेपाल का मीडिया इन दिनों भारत के खिलाफ आग उगल रहा है। नेपाल के केबल ऑपरेटरों ने भारत के सभी चैनल दिखाना बंद कर दिया है। वहां के अखबारों में भारत के खिलाफ रोज नए-नए अफसाने आते रहते हैं। भारत के खिलाफ दुष्प्रचार की इंतेहा सोशल मीडिया पर दिखाई देती है। सोशल मीडिया पर न केवल भारत के खिलाफ, भारतीय प्रधानमंत्री के खिलाफ भी लगातार अपशब्दों का बखान किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर आ रहे इन संदेशों के अनुसार भारत नेपाल की संप्रभुता पर हमला करने की कोशिश कर रहा है। 
 
सोशल मीडिया पर संदेशों के अलावा बड़ी संख्या में भारत विरोधी प्रदर्शनों की तस्वीरें, भारत विरोधी वीडियो और कार्टून देखने को मिल रहे हैं। नेपाल में सोशल मीडिया की ट्रेंडिंग भारत विरोधी अनेक हैशटैग से हो रही है। इनमें से दो प्रमुख हैशटैग है- #BackOffIndia और #NepalRedFlagModi हैं। इन हैशटैग पर आलोचना के साथ-साथ ही गालियां और दूसरे अपशब्दों की भरमार है। नेपाल के माओवादियों ने सोशल मीडिया को भारत के खिलाफ प्रचार युद्ध में प्रमुख हथियार बना लिया है। इन संदेशों में मुख्य बातें हैं- 
 
- भारत हमारी (नेपाल की) आंतरिक स्थिति पर नियंत्रण करने की कोशिश न करे।
- भारत नेपाल के संविधान के खिलाफ है। 
- मोदी अधिनायकवादी नेता हैं। 
- नेपाल को भारत की जरूरत नहीं, भारत को नेपाल की जरूरत है।
- भारत अपने निजी मामले क्यों नहीं निपटाता, नेपाल में हस्तक्षेप क्यों करना चाहता है?
- भारत से पेट्रोल नहीं आ रहा है, तो चीन से ले लेंगे। 
- भारत हमारे साथ ऐसा क्यों कर रहा है, हम तो उसके सबसे करीबी पड़ोसी है?
- खुकरी के दिन फिर लौट आए हैं। 
- भारत को नेपाल के लोगों की नहीं उसके लोगों की पड़ी है।
- मोदी सरकार ने अब तक क्या किया, भाषण दिए और शून्य काम किया।
- यह हमारा देश है, यहां का संविधान कैसा होगा, यह हम तय करेंगे। तुम (भारत) कौन होते हो?
- नेपाल में मोदी सरकार का एजेंडा फैल हो गया। 
- भारत समझता है कि नेपाल उसकी जागीर है, अब उसे असलियत बताने का वक्त आ गया है।
- नेपाल अब तक भारत की हर सफलता पर खुश होता आया है पर इसका मतलब यह नहीं कि नेपाल भारत की हर इच्छा पूरी करे।
- भारत से आए 99 प्रतिशत लोग केवल पानी पूरी बेचते हैं। अगर वे लोग भारत चले जाएं, तो हमारा क्या नुकसान होगा?
- गुजरात में तो शांति व्यवस्था बना नहीं सके, नेपाल में शांति की बात करते हैं।
- जब भारत के ही लोग मोदी से नफरत करते हैं, तो मोदी क्या नेपाल में आकर चाय बेचना चाहता है?
- हमने भारतीय जनता का क्या बिगाड़ा है, जो मोदी हमारे पीछे पड़ा है। 
- हमें भारत के पेट्रोल की जरूरत नहीं है, हम साइकिल से ही काम चला लेंगे।
- मोदी खुद अमेरिका की कठपुतली है, हमें क्या कठपुतली बनाएगा?
 
ऐसे संदेशों से अलग कुछ संदेश इस तरह भी प्रसारित हो रहे है, जिनमें भारतीय सेना में भर्ती नेपाली मूल के सैनिकों से भारत के प्रति बगावत की बातें कहीं जा रही हैं। सोशल मीडिया पर आ रहे इन संदेशों में पाकिस्तान मूल के लोग और भी नमक-मिर्च लगाकर दुष्प्रचारित कर रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं में हो रही चर्चा उन्हें नागवार गुजर रही है। 
 
नॉन रेसीडेंस पाकिस्तानियों में सोशल मीडिया के इस दुष्प्रचार के प्रति उत्साह है। सोशल मीडिया पर स्टेटस देखते से ही लगता है कि इन लोगों को नेपाल से कोई सरोकार नहीं है, बल्कि इस बात से मतलब है कि भारत और नेपाल के संबंध किस तरह बिगड़ें।  
 
नेपाल के माओवादी सोशल मीडिया का उपयोग करके दो लक्ष्य साध रहे हैं। पहला तो यह कि वे भारत और नेपाल के लोगों में आपसी सौहार्द को खत्म करना चाहते है। दूसरा वे भारत से दूरी बनाकर चीन के करीब जाना चाहते हैं। पुराने सिल्क रूट के निर्माण में चीन की मदद लेना वे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। प्रचारित किया जा रहा है कि नेपाल को इससे काफी लाभ होगा। इन लोगों के निशाने पर खास तौर पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। नरेन्द्र मोदी का नेपाल में जिस तरह का स्वागत हुआ था, वह अब तक उनकी आंखों की किरकिरी बना हुआ है। 
 
सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और खुद भारत सरकार की अनेक एजेंसियां सक्रिय हैं। ये सब इस दुष्प्रचार का जवाब देने के मामले में बहुत सक्रिय नहीं है। ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया पर ऐसे ट्रेंड भारत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।