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इंटरनेट की ताकत बढ़ाएगी युवा उद्योगपतियों की तादाद

इंटरनेट की ताकत बढ़ाएगी युवा उद्योगपतियों की तादाद - My Blog/ Internet Business
एक दिलचस्प जानकारी ने उत्साह बढ़ा दिया। अपनी नौकरी के 16 सालों में किसी एक विभाग को कर्मचारियों के सबसे ज्यादा निशाने पर पाया तो वो है, मानव संसाधन विभाग (Human Resource Department) यानि जिसे आप आम तौर पर अपना एचआर कहते हैं। यह विभाग आपको नौकरी देने से लेकर नौकरी से निकालने तक के लिए जिम्मेदार होता है।




जीवन में उम्मीद की तरंगे तब फिर खिल जाती है, जब तनख्वाह बढ़ने का समय आता है। कर्मचारियों की दफ्तर में चल रही परेशानियों के लिए भी यही विभाग जिम्मेदार होता है। इसके महत्व का बखान करने के लिए मैंने यह तमाम बातें नहीं लिखीं, बल्कि बदलते दौर में इसकी कमियों और खूबियों पर आयोजित होने वाली एक परिचर्चा ने ध्यान खींच लिया। देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के विशेषज्ञ इस परिचर्चा में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। 29 और 30 तारीख को SHRM यानि society for human resource management रिलायंस की महत्वकांक्षी योजना JIO के साथ मिलकर यह बड़ा कार्यक्रम दिल्ली के ताज होटल में आयोजित कर रहे हैं।
 
इस कार्यक्रम की जानकारी मुझे एक ऐसे समय पर मिली, जब में देश के कई युवा उद्योगपतियों के बारे में कुछ विस्तार से लिख रहा था। इन कहानियों को लिखते हुए एहसास हुआ कि जो तकनीक और समय के साथ चला वो आगे निकल गया। हमारे देश में कामयाबी की ऐसी कई कहानियां हैं, जिन्होंने ऑनलाइन बिजनेस के जरिए खुद को कुछ ही समय में करोड़पति उद्योगपतियों की लिस्ट में शुमार कर लिया। स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है और इसके मूल में भी भारत में लगातार बढ़ रही संभावनाओं को ही जेहन में रखा गया है। इस परिचर्चा में एचआर के क्षेत्र में आई चुनौतियों के अलावा डिजिटल इंडिया की संभावनाओं पर भी बात होनी है। इस चर्चा से पहले ही इन दो विषयों के मेल ने ये ब्लॉग लिखने के लिए प्रेरित किया।
 
चर्चा में एक विषय यह भी है कि क्या सचमुच नौकरियां टैलेंट के आधार पर दी जाती हैं या फिर राजनैतिक दबाव काम आता है? जो इस विषय के बारे में नहीं भी जानते हैं वो भी इस पर अपनी स्पष्ट राय रखने में ज्यादा समय नहीं लगाएंगे। वहीं क्या एच आर दबाव के बाहर रहकर काम करने का सामर्थ्य रखता है? देश और दुनिया के कई नामी गिरामी विशेषज्ञ किसी भी व्यवसाय के फलने फूलने या डूबने में एच आर की अहम भूमिका पर खुलकर बोलने वाले हैं। इस कार्यक्रम की वेबसाइट http://www.shrmiac.org/  पर कई जानकारियां मौजूद हैं। इन्हीं जानकारियों ने उत्सुकता बढ़ाई कि एचआर जैसा महत्वपूर्ण विभाग आज के दौर में कितने मायने रखता है? यह चर्चा एक ऐसे समय पर हो रही है जब डिजिटल इंडिया के जरिए रोज नए उद्योगपति पनप रहे हैं तो उनके साथ कई लोगों को नौकरी मिलने की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। मालिक और नौकर के रिश्ते के बीच एचआर ही सबसे अहम कड़ी है।
 
ऐसा मौका कभी नहीं आएगा जब सभी मालिक बन जाएं। हां बदले हालात में यह जरूर मुमकिन हो गया है कि व्यवसाय अब युवाओं की पहुंच का विषय बन गया है। इस कार्यक्रम के साथ JIO ने जुड़कर युवाओं को शायद यही संदेश देने की कोशिश की है। आप भी जब यह जानेंगे कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों को JIO के प्रोडक्ट्स मुफ्त दिए जा रहे हैं तो यह शायद आपकी दिलचस्पी बढ़ा दे। अहम बात यह है कि इस फ्री इंटरनेट या आजादी का युवा क्या इस्तेमाल कर रहे हैं।
 
फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, ओला कैब्स और न जाने ऐसे कितने ही व्यवसाय है जो हमारे ही देश के युवाओं ने इस इंटरनेट का इस्तेमाल कर पैदा किए हैं। आज यह सालों साल मेहनत कर खड़े किए गए किसी अन्य व्यवसाय के मुकाबले ज्यादा ताकतवर दिखाई देते हैं। इंटरनेट की इस ताकत पर ऐसी परिचर्चाओं का स्वागत किया जाना चाहिए। उम्मीद है युवा बदलते दौर में खुद को मिले इस मौके को समझ पाएंगे साथ ही एच आर की कार्यप्रणाली शक्ति जैसे गंभीर विषय को हम आने वाले समय में महत्व का पाएंगे। आप भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं आइए तो देखते हैं क्या चिंतन होता है इन विषय पर ताज पैलेस में 29 और 30 तारीख को। ...और हां जल्दी ही ऑनलाइन की दुनिया के कुछ कामयाब व्यवसायियों के कहानियों के साथ आपके बीच कुछ पेश करूंगा।
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