बच्चों का स्टडी रूम हो ऐसा
कई बार ट्यूशन कराने व अच्छे स्कूल में दाखिला कराने के बावजूद भी बच्चे पढ़ने में कमजोर होते हैं। उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता है वो इससे कतराने लगते हैं। बच्चों की एकाग्रता का कुछ हद तक संबंध वास्तु से भी है। यदि आप गलत दिशा में कोई कार्य करेंगे तो अच्छी सोच होते हुए भी आप उस कार्य में सफल नहीं हो पाएँगे। हम आपको बताते हैं वास्तु की कुछ ऐसी बाते जो आपके बच्चे के चित्त को एकाग्र व उसे पढ़ाई में अव्वल बनाने में सहायक हो सकती है - वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चे का स्टडी रूम वायव्य, नैऋत्य कोण और पश्चिम दिशा के मध्य होना उत्तम माना गया है। ईशान कोण में पूर्व दिशा में पूजा स्थल के साथ अध्ययन कक्ष शामिल करें। यह प्रयोग आपके लिए अत्यंत ही प्रभावकारी सिद्ध होगा। इससे आपके बच्चे की बुद्धि का विकास होता है। कोई भी बात जल्दी आपके मस्तिष्क में फिट हो सकती है और मस्तिष्क पर अनावश्यक भी दबाव नहीं रहता है।