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Written By ND

व्यवस्थित कीजिए अपना घर

व्यवस्थित कीजिए अपना घर -
- डॉ. सुमित्रा शिधय
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कहीं आपके भी घर या दफ्तर में सामान बेतरतीब पसरा तो नहीं रहता..? और जब किसी चीज की जरूरत पड़ी तो ढूँढा-ढाँढी शुरू! तो चलिए, आलस व घबराहट त्यागिए और आज ही से हर छोटी-बड़ी चीज को व्यवस्थित रखना शुरू कीजिए।

क्या अक्सर ऐसा होता है कि ऑफिस के लिए तैयार होते वक्त शर्ट से मैचिंग पेंट नहीं मिलती या साड़ी का मैचिंग ब्लाउज नहीं मिलता? या जब फोन से बात करते समय कुछ लिखना हो तो पेन जगह पर नहीं मिलता? या दफ्तर में जिस फाइल का काम हो, उसे ढूँढने में आधा दिन बीत जाता है?

घर में फैले हुए कपड़े, पसारी हुई किताबें, जूते, फाइलें, बर्तन इन सबसे कभी-कभी घबराहट होने लगती है। जहाँ नजर डालो वहाँ पसारा देखकर तनाव होता है और सही समय पर सही चीज हाथ में न आने से काम में रुकावट, मूड खराब, गुस्सा यह श्रृंखला चलती है। लेकिन यह तो सोचिए कि इतना अटाला फैलता क्यों है और क्या करने से यह ढेरों सामान व्यवस्थित रूप से जम सकता है।
  कहीं आपके भी घर या दफ्तर में सामान बेतरतीब पसरा तो नहीं रहता..? और जब किसी चीज की जरूरत पड़ी तो ढूँढा-ढाँढी शुरू! तो चलिए, आलस व घबराहट त्यागिए और आज ही से हर छोटी-बड़ी चीज को व्यवस्थित रखना शुरू कीजिए।      


आइए, हम इसके कुछ नियम समझते हैं :
टालने की आदत टालि
हम रोज यही करते हैं कि आज के बदले कल करने का सोचते हैं। मैं कल फाइलें जमा दूँगा या मैं कल पूरी अलमारी व्यवस्थित जमा दूँगा, वगैरह...। आज का काम कल पर टालने से समय की बचत होती ही नहीं है, बल्कि कल के लिए कामों का अंबार खड़ा होता है। हाँ, ठीक है कि प्रायः सबके अंदर एक आलसी व्यक्ति छुपा रहता है। दिनभर के थके-हारे घर आने के बाद शर्ट या जूते जगह पर रखने की इच्छा नहीं होती। बस, यही तो समस्या है।

इसी प्रकार चीजों का ढेर लग जाता है और घर ऐसे दिखता है जैसे अभी तूफान आकर गया हो। इसलिए तुरंत कार्य करें। कल पर कुछ न रखें। दूसरा नियम है, एक जैसी चीजें इकट्ठा एक जगह पर रखें जैसे स्वेटर स्वेटर्स के साथ, शर्ट शर्ट्‌स के साथ, बिस्किट एक जगह इत्यादि।

अगर हम हर चीज के लिए एक जगह सुनिश्चित करके रखें तो उसे ढूँढने में हमें कोई परेशानी नहीं होगी। गृह व्यवस्था का तीसरा नियम है कि अगर घर अवेरना हो तो एक कोने से या एक कमरे से शुरुआत करें। एक कमरे से शुरू करके रोज थोड़ा-थोड़ा सामान व्यवस्थित करें। उसके बाद ही दूसरे कमरे की तरफ ध्यान दें। कोई बात नहीं कि हम रोज केवल 15 मिनट ही समय दे सकते हैं, लेकिन रोज नियमित रूप से सफाई करना जरूरी है।
घर सफाई के सूत्
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सफाई का फायदा क्या होगा, यह अपने दिमाग में अच्छी तरह तय करें। हम पेपर्स क्यों उठाकर रखना चाहते हैं? इसलिए क्योंकि अगली बार टेलीफोन या बिजली का बिल समय पर न ढूँढ पाने से जो अतिरिक्त पैसे भरने पड़ते हैं, वे नहीं भरने पड़ें। सफाई करने से जो फायदे होंगे, उन्हें सोचकर ही काम करने की प्रेरणा मिल जाती है।

अब यह देखिए कि जो चीजें बिखरी हैं, उसमें से क्या रखना है और क्या फेंकना है, या तो रखें या फेंक दें। ऐसा नहीं चलेगा कि बाद में सोचेंगे। जैसे ही सब फालतू चीजें हट जाएँ, बाकी सारी चीजें उठाकर अलमारी या ड्रॉवर में जमा दीजिए। जो ज्यादा इस्तेमाल होती हैं, वे सामने रखें।

पता है हम सब अटाला क्या सोचकर जमा करते हैं?
(1) कभी काम आएगा : यह सोचकर कभी-कभी पतिदेव छोटे-छोटे स्क्रू भी उठाकर रखते हैं कि कभी काम आएँगे, लेकिन जब जरूरत पड़ती है तो ऐन टाइम पर ढेर में से मिलते कहाँ हैं?
(2) मैं फिर इस्तेमाल करूँगी : आप देखेंगे अपने कपड़ों में से केवल 50 प्रतिशत हम वापरते हैं, बाकी नहीं। फिर हम उन्हें क्यों रखते हैं? क्योंकि फेंकना हमें गवारा नहीं। जो हम जतन करके रखते हैं, उनमें आधे कपड़े तो आउट ऑफ फैशन हो जाते हैं या हम यह सोचकर रखते हैं कि वजन घटाकर पहन लेंगे, लेकिन वजन है कि घटता ही नहीं। बहुत इस्तेमाल किए हुए कपड़े भी हम यह सोचकर रखते हैं कि सफाई करते वक्त या बागवानी के समय काम आएँगे।
(3) ये मुझे... ने दिया था : किसी की यादगार के तौर पर हम कोई चीज संभालकर रखते हैं, जबकि वह उपयोग में कभी आती ही नहीं।
(4) मैंने इतनी महँगी खरीदी थी, कैसे फेंक दूँ?: भले ही आपने कोई चीज महँगी खरीदी थी, लेकिन यदि उसका उपयोग नहीं हो रहा तो उसकी कीमत कुछ भी नहीं। यह 'अटाला' ही है। इससे छुटकारा पाइए।

फायदा ही फायद
जरा गौर कीजिए, घर व ऑफिस को व्यवस्थित रखने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं :
* हमें नींद भी अच्छी आएगी।
* हमारा मूड अच्छा रहेगा।
* रिश्तों में ज्यादा मजबूती आएगी।
* घर-ऑफिस का मैनेजमेंट आसान होगा।
* सभी बिलों का सही समय पर भुगतान होगा।
* ज्यादा जगह मिलेगी।
* जिंदगी एन्जॉय करने के लिए वक्त भी बचेगा।