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Last Modified: मंगलवार, 1 अगस्त 2017 (23:23 IST)

बागली के डिप्‍टी रेंजर ने की आत्‍महत्‍या

बागली के डिप्‍टी रेंजर ने की आत्‍महत्‍या - Suicide, Bagli Sub-Forest Division, Deputy Ranger Ramesh Narolia
- कुंवर राजेन्द्रपाल सिंह सेंगर
बागली (देवास)। बागली उप वनमंडल के जिनवानी परिक्षेत्र के कमलापुर सबरेंज में पिछले दिनों हुई बंदूक और कारतूस चोरी मामले में उस समय नया मोड़ आ गया, जब डिप्टी रेंजर रमेश पिता सोमाजी नारोलिया ने अपने सरकारी आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन बंदूक व कारतूस चोरी मामले में जांच के दौरान दी गई प्रताड़ना और विभाग द्वारा झूठा फंसाए जाने को लेकर आत्महत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। 
 
मृतक नारोलिया की बनियान खून से सनी हुई थी। इस कारण मामला संदिग्द्ध नजर आ रहा है, वहीं मृतक की जेब से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें चोरी के मामले की जांच में रेंजर और चौकीदारों द्वारा उनका नाम लिए जाने की बात सामने आई है। साथ ही लिखा गया है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। बहरहाल अपनी कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और बहादूरी के लिए पुरस्कृत डिप्टी रेंजर नारोलिया की आत्महत्या ने वन कर्मचारियों को सकते में डाल दिया है। 
 
मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। जानकारी के अनुसार, नारोलिया ने रात्रि विश्राम कमलापुर सबरेंज कार्यालय परिसर में स्थित अपने सरकारी आवास में ही किया था। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को नारोलिया के पुत्र महेश ने उन्हें खाना खाने के लिए फोन लगाया। जिस पर नारोलिया मोबाइल पर कॉल रिसीव नहीं कर रहे थे। जिस पर महेश ने कमलापुर में रहने वाले अपने रिश्‍तेदारों को फोन लगाया और उन्होंने आवास के पास जाकर खिड़की में से नारोलिया को फांसी पर लटका देखा। जिस पर कमलापुर चौकी को मामले की जानकारी दी गई। 
 
कमलापुर चौकी प्रभारी ने मामले की गंभीरता को लेकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। पुलिस ने देवास से एफएसएल की टीम को बुलाया और सरकारी आवास को सील कर दिया गया। एफएसएल दल पहुंचने पर आवास को खोला गया, जिसमें नारोलिया की जेब से सुसाइड नोट मिला। एफएसएल टीम द्वारा की गई जांच के बाद शव का पंचनामा किया गया और शव को पीएम के लिए बागली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेज दिया गया। जहां पर डॉ. विष्णुलता उईके और डॉ. हेमंत पटेल ने शव परीक्षण किया। इसके उपरांत पुलिस ने शव परिजनों को सौंपा और चापशक मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार हुआ। नारोलिया के परिवार में पुत्र संतोष केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं और दूसरा पुत्र महेश मेडिकल स्टोर का संचालक है, जबकि पत्नी ममता गृहणी हैं।
 
24 जुलाई को हुई थी चोरी 
विगत 24 जुलाई को कमलापुर सबरेंज मुख्‍यालय से रेंजर खुमान सिंह सोलंकी के निवास से चार 12 बोर की बंदूकें और नारोलिया के निवास से 10 जिंदा व 3 खाली कारतूस चोरी हुए थे। मामला प्रकाश में आने के बाद बागली पुलिस ने चोरी का प्रकरण दर्ज किया था और सरगर्मी से चोरों की तलाश शुरू करने के लिए एसडीओपी दिलीप जोशी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की थी, जिसमें बागली टीआई सुजीत तिवारी, हाटपीपल्या टीआई बीएस गोरे और कन्नौद टीआई आरके चतुर्वेदी को शामिल किया था। 
 
मामले को लेकर पिछले दिनों एसपी अंशुमान सिंह का दल भी क्षेत्र में सक्रिय रहा था। साथ ही वन विभाग ने भी एसडीओ वन आरआर परमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच दल को जांच के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान पुलिस ने रेंजर सोलंकी, डिप्टी रेंजर नारोलिया व उषा रावत सहित अन्य वन कर्मचारियों और चौकीदारों से पूछताछ की थी। 
 
नारोलिया के शव को जब एफएसएल की टीम ने देखा तो वे फांसी पर लटके थे और उनका बायां पैर टेबल पर आड़ा रखा हुआ था, जबकि हाथ नीचे की ओर थे। साथ ही उनकी बनियान भी खून से सनी हुई थी। गत वर्ष बागली निवासी भूपेन्द्र सिंह ने भी नशे की हालत में आत्महत्या की थी, जिसमें उनके दोनों घुटने टिके हुए थे। 
 
देवास के एएसएपी अनिल पाटीदार ने कहा, सुसाइड नोट मिला है। चोरी के मामले की भी जांच की जा रही है। पीएम रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद मामले में अगली कार्यवाही होगी। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों पर भी बिंदुवार जांच की जाएगी। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।
 
मृतक के पुत्र महेश नारोलिया ने कहा, मैंने सुबह पापा को खाना खाने के लिए फोन लगाया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद मैंने कमलापुर में रहने वाले एक रिश्तेदार को फोन किया तो उन्होंने वहां जाकर सरकारी आवास की खिड़की से पापा को लटके हुए देखा। उनकी बनियान खून से सनी हुई थी। मेरे पिता कभी भी फांसी नहीं लगा सकते। उनकी हत्या हुई है और यह सोची-समझी साजिश के तहत किया गया है।
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