2023 में कमलनाथ कांग्रेस का CM चेहरा, वेबदुनिया से बोले नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पारस्परिक सद्भाव बिगड़ने के लिए RSS को ठहराया जिम्मेदार
भोपाल। मिशन 2023 को फतह करने के लिए मध्यप्रदेश में कांग्रेस पूरी ताकत से अब जुट गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक डॉ. गोविंद सिंह को पार्टी हाईकमान ने सदन में भाजपा सरकार को घेरने की जिम्मेदारी देते हुए नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। विधानसभा सचिवालय की ओर से डॉ. गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष नामित करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने की अधिसूचना जारी होने के बाद डॉ. गोविंद सिंह ने वेबदुनिया को दिए अपने पहले इंटरव्यू में सदन में सरकार को घेरने की रणनीति और 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को विस्तार से बताया।
बतौर नेता प्रतिपक्ष पहली प्राथमिकता क्या?–वेबदुनिया के इस सवाल पर डॉ गोविंद सिंह कहते हैं कि विधानसभा में सरकार को जनविरोधी नीतियों पर एक जिम्मेदार विपक्ष के होने के नाते मजबूती से घेरना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। बातचीत में वह कहते हैं कि प्रदेश में भाजपा सरकार का जो दमनचक्र चल रहा है उसके विरोध में कांग्रेस पूरी ताकत के साथ लड़ रही है और आगे भी लड़ती रहेगी।
वेबदुनिया से बातचीत में डॉ गोविंद विधानसभा सत्र छोटे होने का मुद्दा उठाते हुए कहते हैं कि आज सत्र नहीं चल रहे है जिससे सदन में जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही है। अब नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से वह खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध करेंगे कि विधानसभा सत्र को लंबा चलाया जाए जिससे जनता से जुड़े मुद्दों पर सदन में चर्चा हो सके और उनका समाधान निकल सके।
कांग्रेस किन मुद्दों पर लड़ेगी 2023 का विधानसभा चुनाव?– 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के क्या मुद्दे होंगे इस सवाल पर डॉ. गोविंद कहते हैं कि प्रदेश में भाजपा सरकार लगातार जनविरोधी नीतियां अपना रही है। आज प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, पेयजल और बिजली की समस्या से त्रस्त है। इसके साथ आज प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है और महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा और अत्याचार की घटनाओं ने विकराल रूप ले लिया है। दरअसल लगातार सत्ता में रहते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सत्ता के नशे में चूर हो चुके हैं। अगर कोई अपराधी है तो सजा दिलाने का काम कोर्ट करती है लेकिन आज खुद सरकार खुद कोर्ट बनकर बुलडोजर के जरिए संपत्ति को तोड़ रही है जो कि संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन है। इन सभी मुद्दों को कांग्रेस पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सदन से लेकर सड़क तक मजबूती के साथ उठाएगी और सरकार को विवश करेगी कि वह जनता के साथ अत्याचार नहीं करे।
प्रदेश में सत्ता में 15 महीने रहते हुए कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने वचन पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा किया था। कांग्रेस सरकार ने 27 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया था और शेष अन्य किसानों की कर्ज माफी का प्रावधान कर दिया था जिसे भाजपा सरकार ने लागू नहीं किया है। वहीं अब 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा प्रमुखता से उठाएगी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के लिए चुनौती?– इस सवाल पर डॉ. गोविंद सिंह कहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस की वजह से ही बड़े नेता थे। उनके जाने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ा है क्योंकि कांग्रेस का कोई भी कर्मठ नेता औऱ कार्यकर्ता सिंधिया के साथ नहीं गया,केवल वह नेता ही सिंधिया के साथ गए जिनको सत्ता का लालच था।
चुनाव में भाजपा संगठन का मुकाबला कैसे?- वेबदुनिया से बातचीत में डॉ. गोविंद सिंह कहते हैं कि संघ का कहना है कि वह राजनीति में नहीं है। सालों से सुनते आ रहे है कि संघ एक सांस्कृतिक संगठन है। दूसरी ओर आज संघ देश निर्माण के नाम पर सत्ता को हथियाने का काम कर रही है। आज संघ ऐसी नीतियां बना रहा है जिससे देश में पारस्परिक सद्भाव बिगड़ रहा है। एक ओर संघ प्रमुख मोहन भागवत सरकार के लिए नीति निर्धारण का काम करते हैं तो दूसरी ओर संघ के नेता कहते हैं कि वह राजनीति में नहीं हैं। ऐसे में दो तरह की बात कहना उचित नहीं है।
क्या मध्यप्रदेश में कांग्रेस पूरी तरह एक है?-वेबदुनिया के इस सवाल पर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह कहते हैं कि कांग्रेस के सभी नेताओं ने बैठ कर एकमत से निर्णय लिया है कि कमलनाथ ही हमारे नेता हैं और उन्हीं के नेतृत्व में ही पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी। 2023 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ही कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। आज पूरी कांग्रेस एक है और कांग्रेस में गुटबाजी की बात केवल भाजपा की ओर से फैलाई गई एक अफवाह है।
2023 के चुनाव में कांग्रेस कितनी सीटें जीतेगी?-मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कितनी सीटें जीतेगी इस सवाल पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह कहते हैं कि चुनाव में कांग्रेस का एकमात्र टारगेट विशाल बहुमत हासिल कर सरकार बनाना है और मध्यप्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी।