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Last Updated : बुधवार, 27 मार्च 2024 (13:31 IST)

ज्योतिरादित्य सिंधिया: लोकसभा चुनाव में पुरानी पहचान मिटाने और नई पहचान बनाने की चुनौती?

ज्योतिरादित्य सिंधिया: लोकसभा चुनाव में पुरानी पहचान मिटाने और नई पहचान बनाने की चुनौती? - Challenge before Jyotiraditya Scindia in Lok Sabha elections
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए जैसे-जैसे चुनाव प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है, वैसे-वैसे चुनावी पारा चढ़ने लगा है। गुना लोकसभा चुनाव से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर पड़ रहा है। एक और कांग्रेस सिंधिया को उनका पुराना इतिहास दिलाकर घेर रही है वहीं सिंधिया को दूसरी ओर अपने चुनाव क्षेत्र में नई प्रकार की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

गद्दार पर घेर रही कांग्रेस- लोकसभा चुनाव में सिंधिया को घेरने के लिए कांग्रेस ने फिर गद्दार पर अपना फोकस कर दिया है। पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और अब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने गद्दार पर सिंधिया को घेरा है। कांग्रेस के सीनियर नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने केंद्रीय मंत्री और गुना लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तीखा हमला बोला है।

छिंदवाड़ा में कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ की नामांकन रैली में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि 'नेता नहीं, अब तो सिंधिया गद्दार हो गए हैं। जब मैंने बात की सिंधिया से कि आप क्या चाहते हो? बोले- मैं लोकसभा चुनाव हार गया, मेरे से 27 नंबर की कोठी छीन ली जाएगी, मैं कहा रहूंगा। इसके साथ उमंग सिंघार ने सिंधिया पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 'एक कोठी के कारण आपने कांग्रेस को धोखा दे दिया। झांसी के लोग ग्वालियर के महाराज को आज भी गद्दार कहते हैं।'

दरअसल कांग्रेस सिंधिया पर सीधे हमला बोलकर उनको उनके ही गढ़ में घेरना चाहती है, यहीं कारण है कि पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और अब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सिंधिया पर तीखा हमला बोला है। 

नई पहचान याद दिलाने की चुनौती-2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर गुना से हारने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा के टिकट पर एक बार फिर गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। सिंधिया इन दिनों अपने चुनाव क्षेत्र में पूरी ताकत के साथ चुनावी प्रचार में जुटे है, लेकिन सिंधिया को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी चुनौती वोटर्स को यह समझाना कि वह भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में है और उनका चुनाव चिन्ह कमल का फूल है। ऐसा ही वाकया पिछले दिनों एक चुनावी कार्यक्रम में देखने को मिला,जब सिंधिया ने मंच से जनता को कमल का फूल पर वोट कर उन्हें जिताने की अपील की।

दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने लोकसभा क्षेत्र के बमौरी एक आदिवासी चौपाल को संबोधित कर रहे थे, इस दौरान सिंधिया ने 8 से 10 बार कमल का फूल बोलकर जनता से उन्हें जिताने की अपील की। सिंधिया ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मतलब कमल का फूल, याद रखना कमल का फूल, राजमाता सिंधिया मतलब कमल का फूल, ज्योतिरादित्य सिंधिया का कमल का फूल।

इसके बाद सिंधिया जब एक आदिवासी परिवार के घर खाना खाने गए तो इस दौरान पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने सिंधिया से कहा कि महाराज इनको कमल का फूल याद दिलाइए, इस पर सिंधिया ने भी सहमति जताते हुए अपना चुनाव चिन्ह कमल का फूल बताया।

दरअसल गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट आदिवासी वोटर्स के साथ ग्रामीण वोटर्स के बाहुल्य वाली सीट है और इस क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहचान लंबे समय से कांग्रेस के दिग्गज नेता के तौर पर रही है और वह इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी कर चुके है। हलांकि 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा था और वह मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। 
 

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