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Last Modified: शुक्रवार, 17 मई 2019 (12:50 IST)

मोदी को खरगोन और मेरठ में दिखी समानता, क्या आप नहीं जानना चाहेंगे

मोदी को खरगोन और मेरठ में दिखी समानता, क्या आप नहीं जानना चाहेंगे - Modi find similarities in Khargone and Merut
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश के खरगोन में अपनी आखिरी चुनावी रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरे चुनाव अभियान की शुरुआत मेरठ से हुई थी। अब आखिरी सभा मध्यप्रदेश के खरगोन में हो रही है। गौरतलब है कि सातवें चरण में 19 मई को 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो मेरठ और खरगोन के बीच एक डोर ऐसी भी है, जिस पर जिस पर अकसर ध्यान नहीं जाता। ये दोनों ही शहर 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश नया भारत बनाने के लिए वोट कर रहा है।

मोदी ने कहा कि राजनीतिक दल और उम्मीदवार आपसे अपनी-अपनी नीयत और नीति के हिसाब से वोट मांगते हैं। लेकिन, इस बार आप सिर्फ एक वोट नहीं डालने वाले बल्कि एक विकसित और नए भारत की नींव डालने वाले हैं। 2019 का चुनाव अन्य चुनावों से भिन्न है। इस चुनाव का नेतृत्व जनता कर रही है। आप दशकों बाद लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाले हैं।
 
पीएम ने कहा कि 21वीं सदी के भारत के इन्हीं निर्माता के उत्साह का परिणाम है कि आज कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कामरूप तक पूरा देश कह रहा है- 'अबकी बार, मोदी सरकार'। इतना ही नहीं 3-4 दिन से तो मैं सुन रहा हूं कि अबकी बार, 300 पार।
 
1857 का खरगोन कनेक्शन : गौरतलब है कि 1857 की क्रांति की शुरुआत मेरठ से ही हुई थी। दूसरी ओर, खरगोन जिले के मंडलेश्वर के समीप नर्मदा तट पर 1857 की क्रांति के दौरान जिले के क्रांतिकारीयो ने हिस्सा लिया था। क्रांतिकारी भीमा नायक अपने 150 से अधिक साथियों के साथ मंडलेश्वर के किले पर हमला कर अंग्रेजों को भागने पर विवश कर दिया था। 
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