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Last Modified: मंगलवार, 13 सितम्बर 2016 (11:16 IST)

हज में क्या करते हैं लोग

हज में क्या करते हैं लोग - What do people in Hajj
हज शुरू हो रहा है। दुनिया भर से मुसलमान सऊदी अरब के मक्का में पहुंच रहे हैं। लेकिन वहां जाकर वे करते क्या हैं? जानिए...
इहराम : श्रद्धालुओं को खास तरह के कपड़े पहनने होते हैं। पुरुष दो टुकड़ों वाला एक बिना सिलाई का सफेद चोगा पहनते हैं। महिलाएं भी सेफद रंग के खुले कपड़े पहनती हैं जिनमें बस उनके हाथ और चेहरा बिना ढका रहता है। इस दौरान श्रद्धालुओं को सेक्स, लड़ाई-झगड़े, खुशबू और बाल व नाखून काटने से परहेज करना होता है।
 
तवाफ : मक्का में पहुंचकर श्रद्धालु तवाफ करते हैं। यानी काबा का सात बार घड़ी की विपरीत दिशा में चक्कर लगाते हैं।
 
सई : हाजी मस्जिद के दो पत्थरों के बीच सात बार चक्कर लगाते हैं। इसे साई कहते हैं। यह इब्राहिम की बीवी हाजरा की पानी की तलाश की प्रतिमूर्ति होता है।
 
अब तक उमरा : अब तक जो हुआ वह हज नहीं है। इसे उमरा कहते हैं। हज की मुख्य रस्में इसके बाद शुरू होती हैं। इसकी शुरुआत शनिवार से होती है जब हाजी मुख्य मस्जिद से पांच किलोमीटर दूर मीना पहुंचते हैं।
 
जबल उर रहमा : अगले दिन लोग जबल उर रहमा नामक पहाड़ी के पास जमा होते हैं। मीना से 10 किलोमीटर दूर अराफात पहाड़ी के इर्द गिर्द जमा ये लोग नमाज अता करते हैं।
मुजदलफा : सूरज छिपने के बाद हाजी अराफात और मीना के बीच स्थित मुजदलफा जाते हैं। वहां वे आधी रात तक रहते हैं। वहीं वे शैतान को मारने के लिए पत्थर जमा करते हैं।
 
फिर ईद : अगला दिन ईद के जश्न का होता है जब हाजी मीना लौटते हैं। वहां वे रोजाना के तीन बार के पत्थर मारने की रस्म निभाते हैं। आमतौर पर सात पत्थर मारने होते हैं।
 
पहली बार के बाद : पहली बार पत्थर मारने के बाद बकरे हलाल किये जाते हैं और जरूरतमंद लोगों के बीच मांस बांटा जाता है। बकरे की हलाली को अब्राहम के अल्लाह की खातिर अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी का प्रतीक माना जाता है।
 
सफाई : अब हाजी अपने बाल कटाते हैं। पुरुष पूरी तरह गंजे हो जाते हैं जबकि महिलाएं एक उंगल बाल कटवाती हैं। यहां से वे अपने सामान्य कपड़े पहन सकते हैं।
 
फिर से तवाफ : हाजी दोबारा मक्का की मुख्य मस्जिद में लौटते हैं और काबा के सात चक्कर लगाते हैं।
 
पत्थर : हाजी दोबारा मीना जाते हैं और अगले दो-तीन दिन तक पत्थर मारने की रस्म अदायगी होती है।
 
और फिर काबा : एक बार फिर लोग काबा जाते हैं और उसके सात चक्कर लगाते हैं। इसके साथ ही हज पूरा हो जाता है।
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