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Last Modified: मंगलवार, 23 दिसंबर 2014 (11:25 IST)

टॉयलेट सीट पर पढ़ना खतरनाक

टॉयलेट सीट पर पढ़ना खतरनाक - Toilet seat
टॉयलेट में कई लोग अखबार या किताब पढ़ते हैं। उनके मुताबिक यह बोरियत का हल या समय का इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन ऐसा करके वे अपने लिए बवासीर के खतरे को बढ़ाते हैं।

जर्मन वैज्ञानिकों के मुताबिक नुकसान सीट पर बैठ कर पढ़ने से नहीं, बल्कि सीट पर देर तक बैठे रहने से है। जर्मन शहर मनहाइम में रेक्टम एंड कोलन सेंटर के प्रवक्ता आलेक्जांडर हेरोल्ड ने बताया कि सीट पर देर तक बैठे रहने से शरीर में पेड़ू संबंधी हिस्से पर जोर पड़ता है और बवासीर की संभावना बढ़ती है। उन्होंने कहा, 'आपको टॉयलेट सीट पर सिर्फ तभी बेठना चाहिए जब जरूरत हो।'

बवासीर के बारे में बात करने में कई लोग असहज महसूस करते हैं। पेड़ू के स्थान पर संवहनी कुशन रूपी संरचना होती है। बवासीर होने पर यही संरचना असामान्य रूप से फूल जाती है। यह संरचना हम सभी में होती है। होरेल्ड ने बताया कि जब शरीर के इस हिस्से पर बहुत देर तक दबाव पड़ता है तो रक्त प्रवाह प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति में बवासीर होने की संभावना होती है।

बवासीर एक आम बीमारी है जो कि 30 साल से ज्यादा की आयु के हर तीसरे व्यक्ति को होती है। 50 साल की उम्र पार करने के बाद इसकी संभावना और बढ़ जाती है, यानि हर दो लोगों में एक को। उम्र बढ़ने के साथ नसें कमजोर पड़ने लगती हैं और ज्यादा देर भार बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं।

अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह खतरनाक होता जाता है। डॉक्टर बवासीर की चार अवस्थाएं बताते हैं। शुरुआती बवासीर में संवहन के लिए जिम्मेदार कुशन का फूलना दिखाई तो नहीं देता लेकिन त्वचा से रक्त बहना या खुजली होना लक्षण हैं।

मल में खून आने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जर्मन त्वचा रोग सोसाइटी के बेर्नहार्ड लेनहार्ड मानते हैं कि भविष्य में बड़ी परेशानी से अच्छा है कि इसे समय रहते डॉक्टर को दिखाया जाए। उन्होंने बताया कि आंतों के कैंसर के भी कुछ ऐसे ही लक्षण होते हैं।

- एसएफ/एजेए (डीपीए)