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Last Modified: गुरुवार, 4 फ़रवरी 2016 (11:13 IST)

उल्लू या पक्षियों जैसे हैं आपके जीन्स?

उल्लू या पक्षियों जैसे हैं आपके जीन्स? - Sleeping habit
कई लोग रात में जल्दी सो जाते हैं जबकि कई कहते हैं कि उन्हें जल्दी नींद आती है। ऐसे में खुद के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश मत कीजिए क्योंकि इसके लिए आपके जीन्स जिम्मेदार हैं।
अक्सर हम खुद को देर तक जागने या जल्दी सोने के लिए ढालने की कोशिश में अपने आप पर जबरदस्ती करने लगते हैं। हमारे सोने की आदतों के लिए हमारी जीवनशैली बहुत हद तक जिम्मेदार होती है लेकिन इसके अन्य कारण भी हैं।
 
एक शोध के आधार पर वैज्ञानिकों का दावा है कि आपकी सबसे बढ़िया नींद दिन के किन घंटों में होगी यह आपके जीन्स तय करते हैं। वैज्ञानिक यह बात सालों से जानते हैं कि सभी पैधों और जीवों की 24 घंटे की एक निर्धारित बायोलॉजिकल क्लॉक होती है। लेकिन हम ये भी जानते हैं कि उल्लू रात में जागने और पक्षी सुबह जल्दी उठने के लिए मशहूर हैं। कभी सोचा है ऐसा क्यों है?
 
यह उनके जीन्स पर आधारित होता है। ठीक इसी तरह हर इंसान एक ही जैसी साइकिल में नींद की आगोश में नहीं जाता। पहले की रिसर्चों में भी नींद के घंटों के चयन में जीन्स के दखल की बात के बारे में कहा गया था। लेकिन इस बारे में बहुत कम ज्ञात था कि जेनेटिक कोड का कौन सा हिस्सा यह निर्धारित करता है कि आप उल्लुओं की तरह देर रात तक जागना पसंद करते हैं या पक्षियों की तरह जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना।
 
कैलिफोर्निया की बायोटेक्नोलॉजी कंपनी 23एंडमी के डेविस हिंड्स के नेतृत्व में रिसर्चरों की टीम ने 89,283 लोगों के जीनोम का अध्ययन किया। जीनोम किसी भी जीव के डीएनए में मौजूद समस्त जीनों का अनुक्रम होता है। टीम ने नतीजों की तुलना वेब सर्वे से की जिसमें इन्हीं लोगों से उनकी नींद के घंटों की प्राथमिकता के बारे में पूछा गया था।
 
नेचर कम्यूनिकेशंस पत्रिका में छपी रपोर्ट के मुताबिक लोगों की नींद के पैटर्न और उनके जीन के बीच सीधा संबंध पाया गया। सुबह जल्दी उठने वालों को नींद ना आने की समस्या होने की कम संभावना होती है। उन्हें आमतौर पर आठ घंटे से ज्यादा सोने की भी जरूरत नहीं पड़ती। उन्हें अवसाद होने का भी कम खतरा होता है। जबकि रिसर्च में शामिल करीब 56 फीसदी लोगों को अवसाद का ज्यादा खतरा है जो रात को ज्यादा जागते हैं।
 
रिसर्चरों ने यह भी पाया कि सुबह जल्दी उठने वालों पर उम्र का भी उतना असर नहीं पड़ता जिता देर रात तक जागने वालों पर पड़ता है। इसलिए सुबह जल्दी उठने वाले ज्यादा स्वस्थ भी रहते हैं। हालांकि रिसर्चरों का कहना है कि सुबह जल्दी उठने वालों का बॉडी मास इंडेक्स, लंबाई, वजन इत्यादि भी बेहतर रहता है लेकिन इस संबंध को सीधे कारण और प्रभाव के तौर पर स्पष्ट रूप से नहीं देखा जा सकता।
- एसएफ/ओएसजे (एएफपी)