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Last Modified: बुधवार, 18 फ़रवरी 2015 (11:35 IST)

90 फीसदी लोग दूसरों की बीवियों के साथ: मांझी

90 फीसदी लोग दूसरों की बीवियों के साथ: मांझी - Jitan Ram Manjhi
बिहार में चल रहा गंभीर राजनीतिक संकट एक ओर, और मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की बयानबाजी दूसरी ओर। पहले भी उच्च जातियों पर बहुत कुछ कह चुके मांझी का बिहार में डेटिंग कल्चर पर आया ताजा बयान सुर्खियां बटोर रहा है।

दिल्ली में मीडिया समूह इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत में जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री मांझी ने कहा, 'केवल 2 से 5 फीसदी लोग अपनी पत्नियों के साथ घूमने जाते हैं। बाकी दूसरों की बीवियों के साथ डेट पर जाते हैं।'

मांझी ने ये बात तब कही जब अगस्त 2014 में एक शादीशुदा महिला पुलिसकर्मी के साथ खुद मांझी के बेटे के पकड़े जाने पर सवाल किए गए। मांझी ने आगे कहा, 'गर्लफ्रेंड बनाने में कोई खराबी नहीं हैं। अगर आप पटना के इको पार्क जाएं तो देखेंगे कि वहां केवल अविवाहित लोग ही नहीं घूम रहे हैं। अगर पुरुष और महिला दोनों ही वयस्क हैं और अपनी मर्जी से एक संबंध में हैं, तो इसमें कोई खराबी नहीं। यह तो उनका व्यक्तिगत चुनाव है।'

मांझी वरिष्ठ बीजेपी नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे थे। इसके पहले उन्हीं की पार्टी के बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शक्ति प्रदर्शन किया था। नीतीश की ओर से 130 विधायक दिल्ली में इकट्ठा हुए थे। लेकिन मांझी का दावा है कि इनमें कई बोगस विधायक और तमाम राज्य बोर्ड और कमीशनों के निदेशक थे।

अब बारी मांझी की है। 20 फरवरी को सदन के पटल पर उन्हें विधायकों के समर्थन को सबके सामने साबित करना होगा। मांझी का दावा है कि फिलहाल जेडीयू के 62, आरजेडी के 13, कांग्रेस के 3 एमएलए उनके साथ हैं।

मांझी और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच अब मतभेद खुल कर सामने चुके हैं। हाल ही में सबसे बड़ा झटका तब लगा है, जब पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने एक सम्मेलन कर नीतीश कुमार को जेडीयू के विधायक दल का नेता चुन लिया ताकि मांझी को पद से हटाया जा सके। हालांकि मांझी ने कुर्सी छोड़ने से इंकार कर दिया और उस सम्मेलन को ही गैरकानूनी बताया।

मांझी को अपने इशारों पर चलाने की मंशा से अपनी कुर्सी सौंपने वाले नीतीश इसे अपनी 'बड़ी भूल' मान चुके हैं। उनका कहना है कि मांझी ने 'मेरा विश्वास तोड़ा' है। मई 2014 में लोकसभा चुनाव के खराब नतीजों के बाद खुद नीतीश ने पद छोड़ा था और कुर्सी संभालने के लिए मांझी को चुना था। नीतीश ने कहा, 'मांझी बीजेपी के साथ मिलकर जेडीयू को कमजोर कर रहे हैं। हमने समय रहते उनके खिलाफ निर्णय लिया है वरना इसके भीषण नतीजे होते।' नीतीश ने ये भी कहा है कि मांझी को मिल रहा बीजेपी का 'गुप्त' समर्थन अब सबके सामने आ चुका है और आने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

- आरआर/एसएफ (पीटीआई)