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Last Updated : बुधवार, 7 जून 2017 (11:22 IST)

कौन है बेहतर निवेशक, पुरुष या महिलाएं?

कौन है बेहतर निवेशक, पुरुष या महिलाएं? - Investment women
पुरुषों की तुलना में महिलाएं औसतन एक बेहतर निवेशक होती हैं। लेकिन महिलाएं अपनी इस काबिलियत के बारे में नहीं जानती। लेकिन अब नये डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म आ रहे हैं जिनसे इस अंतर को भरने की उम्मीद की जा रही है।
 
वॉल स्ट्रीट को मोटामोटी पुरुषों का क्लब माना जा सकता है। बैंक, वित्तीय संस्थानों या निवेश फंड से जुड़े दफ्तरों में अधिकतर पुरुष ही काम करते नजर आते हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स या कार्यकारी दलों का प्रतिनिधित्व भी अक्सर पुरुष ही करते हैं। इतना ही नहीं यही पुरुष घरों में भी रुपये-पैसे से जुड़े अधिकतर मामलों को देखते हैं। इन्हीं सब बातों के चलते इस तथ्य को आम तौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है कि अमेरिकी महिलाएं धन और संपत्ति मिलाकर तकरीबन पांच हजार अरब डॉलर की प्रॉपर्टी नियंत्रित करती हैं।
 
90 फीसदी महिलाएं कभी न कभी जिंदगी में अपने वित्तीय मसलों को खुद संभालती हैं। कई बार तो वे परिवार तक की जिम्मेदारियां उठाती हैं। इस तरह की स्थिति खासकर तब आती है जब वे या तो शादी देर से करती हैं या कभी तलाक ले लेती हैं और कभी अपने पार्टनर से लंबा जीती हैं। लेकिन अधिकतर वक्त महिलाएं सक्रिय निवेशक नहीं रहतीं। इसलिये वित्तीय क्षेत्र अब महिलाओं को ऐसे अवसर के रूप में देख रहा है जिसे अब तक भुनाया नहीं गया है।
 
ऐसे स्टार्ट अप बाजार में तेजी से उभरे हैं जिनका उद्देश्य महिलाओं को निवेश के लिये प्रोत्साहित करना है। एक ऐसा ही स्टार्टअप है ऐलीवेस्ट, जिसे न्यूयॉर्क में साल 2014 के दौरान सैली क्रॉचेक ने शुरू किया था। सिटीग्रुप और बैंक ऑफ अमेरिका की मुख्य कार्यकारी रही 52 वर्षीय यह महिला वॉल स्ट्रीट में एक जाना-माना नाम है।
 
महिलाओं को नहीं अंदाजा
क्रॉचेक जानती हैं कि वित्तीय क्षेत्र में महिलाओं की गैरमौजूदगी एक बड़ी कमजोरी है। वह महिलाओं के सामने आने वाली परेशानियों से बखूबी परिचित हैं। डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने बताया कि यह सोचना कि महिलाएं निवेश में इच्छुक नहीं है, एक बड़ी गलतफहमी है। क्रॉचेक के मुताबिक, वित्तीय क्षेत्र यह नहीं जानता कि कैसे महिलाओं तक पहुंचा जाए। हालांकि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि इनके पांच में से चार निवेश सलाहकार पुरुष हैं।
 
क्रॉचेक कहती हैं कि सालों तक उद्योग जगत ये जानता ही नहीं था कि आधी से अधिक आबादी और उससे जुड़े पैसे के निवेश के बारे में कोई सोचता ही नहीं था और जब उन्होंने इस बात पर अपने पुरुष सहकर्मियों से बातचीत की तब उन्होंने इस बात पर कहा कि घरों में पैसा पति संभालते हैं तो यह बात ही नहीं उठती। लेकिन यह बात उनके दिमाग में घर कर गई और उन्होंने अपनी सीईओ वाली नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप लॉन्च किया। ऐलीवेस्ट महिलाओं के लिये एक डिजिटल इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म है जिसका प्रबंधन भी महिलाएं ही करती हैं। फर्म का इनवेस्टमेंट फंड महिलाओं के अनुरूप तैयार किया गया है। इसे तैयार करने के लिये क्रावचेक की टीम को इनवेस्टमेंट फंड डिजाइन पर नये सिरे से विचार करना पड़ा। 
 
कोष की तैयारी
क्रॉचेक मानती हैं कि स्टैंडर्ड निवेश कोष महिलाओं की जरूरतों के हिसाब से तैयार नहीं किये जाते। लेकिन उनकी कंपनी इस कमी को पूरा करना चाहती है। कई बड़े निवेश प्रबंधक भी अब महिलाओं की निवेश क्षमता पर भरोसा जताने लगे हैं। मसलन ब्लैकरॉक निवेश ने अब महिलाओं के निवेश करने के व्यवहार को स्टडी करने के लिये अपना एक शोध केंद्र खोला है। इसी तरह फिडेलिटी इनवेस्टमेंट भी इस पर काम कर रहा है। महिला निवेशकों के लिए फिडेलिटी इनवेस्टमेंट की उपाध्यक्ष अलेक्सेंड्रा टॉसिग मानती हैं कि महिलाएं सिर्फ वित्तीय आवश्यकताओं के संदर्भ में ही अलग नहीं हैं बल्कि उनके पैसे और निवेश के नजरिये में भी अंतर है।
 
महिलाएं अधिक सतर्क
महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक जोखिम लेने से हिचकिचाती हैं। ऑस्ट्रेलियन इनवेस्टमेंट मैनेंजमेंट कंपनी नैब एसेट मैनेंजमेंट में निवेश व्यवहार से जुड़े शोध पर काम कर रहीं काजंगा कुलाटुंगा ने अपनी एक स्टडी में पाया कि रुपये-पैसे से जुड़े मसलों पर पुरुषों और महिलाओं का मस्तिष्क अलग ढंग से सक्रिय होता है जिसके बाद वह निवेश से जुड़े फैसले लेते हैं। नतीजन पुरुष अधिक जोखिम लेने के इच्छुक होते हैं वहीं महिलाएं जोखिम लेने से बचती हैं। हालांकि यह बात महिलाओं को बेहतर निवेशक भी बनाती है। इसलिये जब महिलाएं निवेश करती हैं तो औसतन ज्यादा बेहतर नतीजे प्राप्त होते हैं। ओपनफोलियो नाम का एक डाटा मंच नियमित रूप से अमेरिकी निवेशकों द्वारा प्राप्त किये गये वित्तीय परिणामों का मूल्यांकन करता है। साल 2016 में लगातार तीसरे वर्ष महिला निवेशकों का प्रदर्शन पुरुषों की तुलना में बेहतर रहा। साल 2016 के नतीजों में एक बात और निकल कर आई कि एक समूह के रूप में महिलाओं को पुरुष निवेशकों की तुलना में 0।4 फीसदी बेहतर रिटर्न प्राप्त हुए।
 
महिलाएं हैं अंजान
शायद ही कोई यह आंकड़ा जानता होगा, यहां तक स्वयं महिलाएं भी, कि वे एक बेहतर निवेशक है। टॉसिग ने अपनी स्टडी के दौरान महिलाओं से पूछा कि पुरुष एवं महिलाओं में से कौन बेहतर निवेशक होता है। सर्वेक्षण में शामिल महज 9 फीसदी महिलाओं ने महिलाओं को बेहतर निवेशक माना। वहीं 42 फीसदी ने पुरुषों को बेहतर निवेशक कहा। बाकी लोगों ने इस पर अपना विचार व्यक्त नहीं किया और कुछ लोगों ने दोनों को समान माना।
 
दरअसल कई महिलाएं खुद को वित्तीय मामलों में बेहतर नहीं मानती और इससे जुड़ी सारी जिम्मेदारी पुरुषों पर छोड़ देती हैं। ऐसे में दोनों ही वर्ग मानने लगते हैं कि महिलाएं वित्तीय मामलों में उतनी ही अच्छी नहीं होती जितनी कि वे गणित में नहीं होती और उन्हें वित्तीय शिक्षा की जरूरत है। क्रॉचेक मानती हैं कि पुरुष अपने वित्तीय ज्ञान को लेकर कम फिक्रमंद नजर आते हैं, यहां तक कि वे तब भी निवेश करते हैं जब उन्हें किसी मसले के बारे में पता भी न हो। उन्होंने बताया कि पुरुष अधिकतर सिंगल स्टॉक में ट्रेडिंग करते हैं वे अधिक ट्रेडिंग पर भरोसा करते हैं वहीं महिलाएं एसेट खरीदती हैं और कुछ समय के लिये रोक लेती हैं।
 
आर्थिक वृद्धि का नया दौर
अधिकतर मामलों में महिलाओं का पैसा बैंक खातों में पड़ा रहता है। क्रॉचेक बताती है कि अमेरिका में पुरुषों और महिलाओं के बीच एक बड़ा निवेश अंतर है जो महिलाओं के लिये महंगा साबित होता है। वेतन के आधार पर प्रभावी रूप से निवेश करने की विफलता महिलाओं को बहुत महंगी पड़ती है। क्रॉचेक उदाहरण देकर समझाती हैं कि अगर कोई महिला साल भर में 85 हजार डॉलर कमाती है और इसका 20 प्रतिशत बचत कर लेती है लेकिन अगर यह बचत बैंक में पड़ी रहती है और इस पैसे को कभी निवेश नहीं किया जाता तो उसको 100 डॉलर प्रतिदिन का नुकसान माना जाता है।
 
ऐसा इसलिए कि बचतकर्ता इस रकम को निवेश कर कमा सकता था जो उसने नहीं किया। फंड प्रबंधकों का भी दावा है कि अगर अधिक से अधिक महिलाएं निवेश करेंगी तो देश की अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा क्योंकि अधिक से अधिक पैसा वित्तीय बाजार में आयेगा और अधिक निवेश उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने में मददगार साबित होगा।
 
सोफी शिमांस्की/एए