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Written By सीमान्त सुवीर

महज 8 साल में बदली विराट कोहली की तकदीर...

महज 8 साल में बदली विराट कोहली की तकदीर... - Virat Kohli, India captain
'भाग्य की देवी' किसी-किसी इंसान पर किस कदर मेहरबान होती है, इसका सबूत टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली हैं। महज 8 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ने उनकी तकदीर बदलकर रख दी है। अं‍तरराष्ट्रीय क्रिकेट बिरादरी ने पहली बार दिल्ली के विराट कोहली का नाम तब सुना, जब 2008 में उनकी कप्तानी में भारत की अंडर-19 टीम दक्षिण अफ्रीका को हराकर आईसीसी वर्ल्ड कप चैम्पियन बनी। तब किसी ने नहीं सोचा था कि विराट आने वाले 8 सालों में दुनियाभर के गेंदबाजों के लिए सिरदर्द बन जाएंगे। 
अंडर-19 में विराट कोहली की प्रतिभा को शराब कारोबारी विजय माल्या के मालिकाना हक वाली आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने हाथोंहाथ लिया और उन्हें मसाला क्रिकेट में उतार दिया। इसके बाद विराट पर दौलत और शोहरत की ऐसी बारिश हुई कि जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है। इसका एक कारण यह भी है कि क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में उन्होंने खुद को ढाल लिया और टीम की जरूरत के हिसाब से ही उनका बल्ला चला। 
यह बात भी सच है कि इंडियन प्रीमियर लीग के मैचों में जब रॉयल चैलेंजर्स अच्छा प्रदर्शन नहीं करती और विराट भी फ्लॉप हो जाते तो दर्शकों का गुस्सा उन पर उतरता। दिल्ली का यह अक्खड़ बल्लेबाज दर्शकों से जा उलझता और फिर ऐसे दृश्य के वीडियो बन जाते, जब विराट आक्रामक अंदाज में अपशब्द तक बोलते हुए कैद हो जाते थे। समय बीता और फिर विराट को खुद इसका अहसास हुआ कि उन्हें खुद को बदलना होगा। भद्रजनों के खेल के अनुरूप खुद को ढालना होगा। 
कुछ बरस के पहले के विराट और आज के विराट में जमीन आसमान का अंतर आ गया है। वे बल्लेबाजी करते वक्त बेहद आक्रामक रहते हैं लेकिन टीम का नेतृत्व करते हुए बेहद नरम दिल। यहां तक कि मीडिया के सामने भी वे बेहद नरमाई के साथ पेश आते हैं। इसे इस तरह भी बयां किया जा सकता है कि शीर्ष पर पहुंचने के बाद विराट कोहली को सफलता को पचाना आ गया है।  
 
अखबार के पन्नों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक और वेबसाइट्‍स से लेकर सोशल मीडिया तक में विराट को लेकर कहीं कोई मजाक नहीं छप रहा है बल्कि उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता का बखान किया जा रहा है। इंदौर टेस्ट में दोहरा शतक जड़कर तो क्रिकेटप्रेमियों के लिए विराट आंखों का तारा बन गए हैं। इंदौर ही नहीं बल्कि पूरा देश उनका दीवाना बन गया है। 
विराट रातोंरात 'हीरो' नहीं बने, बल्कि इसके लिए उन्होंने 8 सालों तक कड़ी तपस्या की है, मैदान पर पसीना बहाया है, यही कारण है कि देश के नंबर वन स्टार हैं और दर्शकों में सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी...वे टीम इंडिया की बस में भी सबसे आगे बैठते हैं और अपने प्रशंसकों को निराश नहीं करते..मैदान के भीतर भी क्षेत्ररक्षण करते वक्त जब पूरा स्टेडियम उनके नाम को पुकारता है तो वह धीरे पीछे मुड़कर हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार कर लेते हैं...उनके इस अंदाज से हजारों दर्शकों के दिल को ठंडक मिल जाती है...
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