140 ओवर के टेस्ट के बाद नींद से जागी BCCI, चौथे टेस्ट में बनेगी सपाट पिच
नई दिल्ली:दिन-रात्रि टेस्ट के दो दिन के अंदर खत्म होने के बाद मोटेरा की पिच को भले ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ा हो लेकिन इसे खेल की संचालन संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से गंभीर सजा मिलने की संभावना नहीं है क्योंकि अंतिम टेस्ट की पिच के बल्लेबाजी के अनुकूल होने की संभावना है।गौरतलब है कि गुलाबी गेंद से खेला गया तीसरा टेस्ट महज दो दिन में ही खत्म हो गया था जिसमें कुल 140 ओवर (842 गेंदे) ही दर्शकों को देखने को मिले थे।
भारत चार टेस्ट की श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा है और आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए उसे लार्ड्स में 18-22 जून तक होने वाले अंतिम टेस्ट को सिर्फ ड्रॉ कराना होगा। एक और स्पिन की अनुकूल पिच की संभावना कम है क्योंकि घरेलू टीम पिच को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती।
मामले की जानकारी रखने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, अच्छी पिच की उम्मीद है जो ठोस रहेगी और समान उछाल मिलेगा। यह बल्लेबाजी के अनुकूल होगी और यह पारंपरिक लाल गेंद का टेस्ट मैच होगा इसलिए यहां चार से आठ मार्च तक होने वाले मुकाबले में काफी बड़े स्कोर की उम्मीद की जा सकती है।
बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों के साथ टीम प्रबंधन भी समझता है कि धूल से भरी एक और पिच नए स्थल के लिए अच्छी नहीं होगी जिसके इंडियन प्रीमियर लीग और आईसीसी टी20 विश्व कप के दौरान कई महत्वपूर्ण मैचों की मेजबानी करने की संभावना है।
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, अगर एक ही स्थल पर दो मैच होते हैं तो आप एक नतीजे को अलग नहीं कर सकते। अंतिम टेस्ट होने दीजिए और इसके बाद ही मैच रैफरी जवागल श्रीनाथ की रिपोर्ट के आधार पर आईसीसी अपनी कार्रवाई को लेकर फैसला करेगा। साथ ही अब तक इंग्लैंड की टीम ने भी कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
अगर एक ही स्थल पर एक अच्छी और एक खराब पिच होती है तो आईसीसी के कार्रवाई करने की संभावना नहीं है। भारत श्रृंखला को 3-1 से अपने नाम करके खुश होगा लेकिन टीम को नतीजा देने वाली स्पिन की अनुकूल पिच की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके लिए ड्रॉ ही काफी है।
साथ ही भारतीय टीम प्रबंधन ऐसी पिच नहीं चाहता जिस पर बेहद महत्वपूर्ण मैच में खेलते हुए उसे नुकसान उठाना पड़े।
उन्होंने कहा, गुलाबी गेंद का टेस्ट अच्छा रहा क्योंकि यह गेंद से अधिक जुड़ा हुआ मामला था। गेंद पिच पर गिरकर तेजी से आ रही थी जबकि पिच में कोई समस्या नहीं थी जैसा इंग्लैंड के कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ी कह रहे हैं। वे सीधी गेंदों का सामना करने में नाकाम रहे। लेकिन इस तरह की पिचें अपने ऊपर भी भारी पड़ सकती हैं और बीसीसीआई को इसकी अच्छी तरह जानकारी है।
अगले टेस्ट के टीम संयोजन में बदलाव होगा क्योंकि जसप्रीत बुमराह को निजी कारणों से अगले टेस्ट में नहीं खेलने की स्वीकृति दे दी गई है।
मोहम्मद सिराज के अंतिम टेस्ट में इशांत शर्मा का नई गेंद से साथ निभाने की संभावना उमेश यादव के मुकाबले अधिक है जबकि तीनों स्पिनरों का खेलना लगभग तय है।वाशिंगटन सुंदर की बेहतर बल्लेबाजी क्षमता अंतिम टेस्ट में मध्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।(भाषा)