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Last Modified: शनिवार, 17 जून 2023 (13:44 IST)

The Ashes Test में अंपायरिंग करेगा यह भारतीय अंपायर, स्टार बल्लेबाज भी नहीं ला पाते दबाव में

The Ashes Test में अंपायरिंग करेगा यह भारतीय अंपायर, स्टार बल्लेबाज भी नहीं ला पाते दबाव में - Nitin Menon to be the field umpire in the last three ashes test
पिछले तीन साल से भारत के बड़े क्रिकेट सितारों के बीच भारी दबाव में अंपायरिंग कर रहे Nitin Menon नितिन मेनन इतने परिपक्व हो गए कि ICC Elite Panelआईसीसी एलीट पेनल के इस अंपायर की अगले महीने एशेज में पदार्पण की तैयारी भी पक्की हो गई।जून 2020 में आईसीसी एलीट पेनल में शामिल किये गए मेनन कोरोना महामारी के कारण विदेशियों की यात्रा पर प्रतिबंध के चलते भारत के अधिकांश घरेलू मैचों में अंपायरिंग करते नजर आये।

उन्होंने यूएई और आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के मैचों में भी अंपायरिंग की और पिछले साल इंग्लैंड में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में अंपायरिंग करते दिखे। उन्होंने जून 2020 से 15 टेस्ट, 24 वनडे और 20 टी20 मैचों में अंपायरिंग की है।एशेज से पहले पीटीआई से बातचीत में मेनन ने कहा कि पिछले तीन साल में इतने मैचों में अंपायरिंग करना उनके लिये फायदेमंद रहा है।

उन्होंने कहा ,‘‘ पहले दो साल भारतीय उपमहाद्वीप में काम करना शानदार रहा। टेस्ट मैचों में अंपायरिंग की और आस्ट्रेलिया तथा दुबई में दो टी20 विश्व कप में भी। मैं सर्वश्रेष्ठ मैच अधिकारियों और खिलाड़ियों के साथ काम कर रहा हूं जिससे अनुभव बेहतर हुआ। इससे मुझे खुद को भी जानने का मौका मिला कि दबाव में कैसा बर्ताव करता हूं। ’’
मेनन आखिरी तीन एशेज टेस्ट में अंपायरिंग करेंगे और दबाव का सामना करने केा पूरी तरह से तैयार हैं।उन्होंने कहा ,‘ भारतीय टीम जब भारत में खेलती है तो काफी हाइप रहती है। भारतीय टीम के कई बड़े सितारे आप पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। वे 50 . 50 फैसले अपने पक्ष में कराने की कोशिश में रहते हैं लेकिन हम दबाव में भी नियंत्रण नहीं खोते और उनकी मांग पर फोकस नहीं करते।’’उन्होंने कहा ,‘‘ इससे साबित होता है कि मैं हर परिस्थिति का सामना करने के लिये तैयार हूं। इससे मेरा आत्मविश्वास बढा है।’’

मेनन का मानना है कि अंपायर को भी खिलाड़ियों की तरह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयारी करनी पड़ती है । उन्होंने कहा ,‘‘जिम में समय बिताना और अच्छा खाना अहम है। जितने ज्यादा मैच , उतनी ही बेहतर मैच फिटनेस होगी क्योंकि छह सात घंटे खड़े रहना पड़ता है। मैं हफ्ते में छह दिन रोज 75 मिनट जिम में बिताता हूं । मानसिक ताकत के लिये कुछ नहीं करना होता , जितने ज्यादा मैच खेलते हैं उतना ही दबाव होता है और आप दबाव का सामना करने के लिये तैयार होते हैं।’’

एशेज की तैयारी के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘यह बेहतरीन श्रृंखला होगी। मैने इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच श्रृंखला में अंपायरिंग की थी। मुझे पता है कि ‘बाजबॉल’ क्या है और क्या अपेक्षा करनी है। हर मैच में बहुत कुछ दाव पर होगा लेकिन मैं बेसिक्स पर अमल करूंगा और उसके अनुसार ही फैसले लूंगा।’’(भाषा)
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