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Last Updated :राजकोट , बुधवार, 9 नवंबर 2016 (18:09 IST)

रूट और अली ने रखी इंग्लैंड के विशाल स्कोर की नींव

रूट और अली ने रखी इंग्लैंड के विशाल स्कोर की नींव - India England test match
राजकोट। शतकवीर जो रूट और सैकड़े से 1 रन के फासले पर खड़े मोईन अली के बीच चौथे विकेट के लिए 179 रन की साझेदारी की मदद से इंग्लैंड ने शुरुआती झटकों से उबरते हुए भारत के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन बुधवार को 4 विकेट पर 311 रन बनाए।







एक समय पर इंग्लैंड ने 3 विकेट 102 रन पर गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद रूट और अली ने पारी को संभाला। रूट ने अपने करियर का 11वां टेस्ट शतक जड़ते हुए 180 गेंद में 124 रन बनाए जिसमें 11 चौके और 1 छक्का शामिल था। वहीं अली 99 रन बनाकर खेल रहे हैं जिन्होंने अपनी संयमित पारी में 192 गेंदों का सामना किया और 9 बार गेंद को सीमारेखा तक पहुंचाया। अली दुनिया के 15वें और इंग्लैंड के 5वें बल्लेबाज बन गए हैं, जो दिन का खेल समाप्त होने पर 99 रन पर नाबाद हैं। 

भारतीयों ने शुरुआती सत्र में लचर फील्डिंग का नमूना पेश किया और कई आसान कैच टपकाए। गेंदबाजों ने भी टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन लंच से चाय के बीच में इंग्लैंड के बल्लेबाज हावी रहे। आखिरी सत्र में रूट का विकेट गिरा जिससे यह साझेदारी टूटी लेकिन अली एक छोर संभलकर खेल रहे हैं।
 
पहली बार टेस्ट की मेजबानी कर रहे शहर में टॉस जीतकर इंग्लैंड ने बल्लेबाजी का फैसला किया था। मेहमान टीम ने कप्तान एलेस्टेयर कुक (21) और पहला टेस्ट खेल रहे हसीब हमीद (31) के विकेट जल्दी गंवा दिए। लंच से ठीक पहले अश्विन ने बेन डकेट (13) को अपना दूसरा शिकार बनाया। ऑफ स्पिनर अश्विन ने हमीद का विकेट लिया और उनका विकेट भारत में किसी टेस्ट में डीआरएस का पहला फैसला रहा।
 
अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे जडेजा ने भारत को 47 के स्कोर पर पहली सफलता दिलाते हुए इंग्लैंड के कप्तान कुक को पगबाधा आउट किया। इंग्लैंड के दोनों सलामी बल्लेबाज पगबाधा आउट हुए। डीआरएस के मामले में इंग्लैंड ने दोनों बार चूक की। पहले तो कप्तान कुक के फैसले के खिलाफ डीआरएस नहीं लिया और फिर हमीद के पगबाधा के खिलाफ डीआरएस का इस्तेमाल किया। 
 
सिक्के की उछाल में किस्मत का साथ नहीं मिलने के बाद भारत ने शुरुआती क्षणों में खराब क्षेत्ररक्षण किया और कुछ आसान कैच टपकाए। तीसरी ही गेंद पर अजिंक्य रहाणे ने शमी की गेंद पर गली में कुक का कैच छोड़ा। इसके बाद मुरली विजय ने पहली स्लिप में उमेश यादव की गेंद पर हमीद का कैच टपकाया। उस समय वह 13 के स्कोर पर था।
 
इंग्लैंड ने 10 ओवर में 35 रन बना लिए थे जिसके बाद स्पिनरों को गेंद सौंपी गई। भारत को पहली सफलता जडेजा ने दिलाई जब कुक लेग साइड पर खेलने के प्रयास में पगबाधा आउट हो गए। रूट और हमीद ने इसके बाद संभलकर बल्लेबाजी की।
 
रूट ने अश्विन को 7वें ओवर में कवर में लगातार 2 चौके लगाए। अश्विन ने 2 ओवर बाद बदला चुकता करते हुए उसे पैवेलियन भेजा। भारतीय सरजमीं पर पहली बार किसी टीम ने डीआरएस का इस्तेमाल किया लेकिन फैसला उनके अनुकूल नहीं रहा और अंपायर के फैसले को सही ठहराया गया। हमीद 6 चौकों की मदद से 31 रन बनाकर आउट हुए। इस बीच डकेट ने अश्विन को 2 स्वीप शॉट और एक्स्ट्रा कवर में खेलकर चौके जड़े। अगले ओवर में अश्विन ने उन्हें स्लिप में रहाणे के हाथों लपकवाकर इंग्लैंड को तीसरा झटका दिया। 
 
चाय से ठीक पहले रूट को जीवनदान मिला, जब उमेश यादव की गेंद पर पगबाधा की अपील डीआरएस के जरिए नामंजूर हो गई। मैदानी अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दिया लेकिन भारतीयों ने डीआरएस का इस्तेमाल किया हालांकि मूल फैसला यथावत रहा। कप्तान कोहली ने चौथे विकेट की साझेदारी तोड़ने के लिए दोनों ओर से गेंदबाजी में बदलाव किए लेकिन रूट और अली ने डटकर खेलते हुए उन्हें कामयाबी हाथ नहीं लगने दी।
 
रूट ने 68वें ओवर में अश्विन की गेंद पर 2 रन लेकर अपना 11वां टेस्ट शतक पूरा किया, जो एशियाई सरजमीं पर उनका पहला सैकड़ा भी है। इसके 2 ओवर बाद उन्होंने जडेजा को छक्का जड़कर अपने खतरनाक तेवर जाहिर किए। दूसरे छोर से अली ने भी ढीली गेंदों को नसीहत देना जारी रखा। दोनों ने अश्विन को 76वें ओवर में 1-1 चौका जड़ा और उन्हें खेलने में दोनों को कोई परेशानी नहीं हो रही थी।
 
अपने स्पिनरों को कामयाबी नहीं मिलती देख कोहली ने 81वें ओवर में नई गेंद यादव को सौंपी और इसका फायदा रूट के विकेट के रूप में मिला। रूट का विकेट काफी नाटकीय रहा चूंकि यादव ने रिटर्न कैच लपकते ही जश्न में गेंद को उछाल दिया। रूट अपनी जगह पर खड़े रहे और मैदानी अंपायर राड टकर को तीसरे अंपायर से मशविरा करना पड़ा कि गेंदबाज ने गेंद हाथ में कुछ देर पकड़ी भी थी या नहीं? अंपायर का फैसला गेंदबाज के अनुकूल रहा और रूट पैवेलियन लौटे। (भाषा)
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