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Written By WD Sports Desk
Last Updated : शनिवार, 23 नवंबर 2024 (18:37 IST)

IND vs AUS : कपिल के बाद बुमराह बने विदेशी जमीन पर सबसे घातक भारतीय गेंदबाज

IND vs AUS : कपिल के बाद बुमराह बने विदेशी जमीन पर सबसे घातक भारतीय गेंदबाज - After Kapil, Bumrah becomes the deadliest Indian bowler on foreign soil
India vs Australia Perth Test : पर्थ टेस्ट में आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को जमीन दिखाने वाले भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने भारतीय दिग्गज कपिल देव की बराबरी की है।
 
 
एशिया के बाहर खेलते हुए बुमराह ने नौवीं बार पारी में पांच विकेट लिए, जो भारतीय गेंदबाज़ का संयुक्‍त रूप से सर्वश्रेष्‍ठ है,इस मामले में उन्‍होंने कपिल देव की बराबरी की। बुमराह ने ऑस्‍ट्रेलिया में दूसरी बार पारी में पांच विकेट लिए। उनके नाम इंग्‍लैंड और वेस्‍टइंडीज़ में भी पारी में दो बार पांच विकेट हैं, जबकि उन्‍होंने तीन बार साउथ अफ़्रीका में पारी में पांच विकेट लिए।
 
बुमराह ने पर्थ टेस्ट में पांच मेजबान बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई जिसके चलते कंगारु टीम पहली पारी में अपने न्यूनतम स्कोर 104 रन पर सिमट गई। इससे पहले कपिल देव ने पर्थ में 106 रन देकर आठ विकेट चटकाए थे। कपिल देव ने यह कारनामा 1985 में एडिलेड टेस्ट में किया था। हालांकि 2007 के मेलबर्न टेस्ट में अनिल कुंबले ने पांच विकेट चटकाए थे।
 
जसप्रीत बुमराह के पांच विकेटों के चलते पर्थ टेस्ट की पहली पारी में भारत को 46 रनों की बढ़त मिली। आस्‍ट्रेलिया ने पर्थ टेस्‍ट की पहली पारी में 104 रन बनाए, जो उनका घर में भारत के ख़‍िलाफ़ दूसरा न्‍यूनतम स्‍कोर है, इससे पहले कंगारु 1981 में मेलबर्न में 83 रन पर ऑलआउटहो चुके हैं। ऑस्‍ट्रेलिया का घर में 1985 से तीसरा न्‍यूनतम और इस प्रारूप में भारत के ख़‍िलाफ़ चौथा न्‍यूनतम है।
 
भारत को पर्थ में पहली पारी में 46 रनों की बढ़त मिली। यह पहले बल्‍लेबाज़ी करते हुए 150 या उससे कम रन बनाने के बाद पांचवीं सबसे अधिक बढ़त है। सबसे अधिक 71 रनों की बढ़त का रिकॉर्ड इंग्‍लैंड के नाम है, जब वे ऑस्‍ट्रेलिया के ख़‍िलाफ़ सिडनी में 1888 में पहले बल्‍लेबाज़ी करते हुए 113 रनों पर ऑलआउट हुए थे।

इससे पहले दो बार ऐसा हुआ है जब टेस्‍ट में भारत ने 150 या कम रन बनाते हुए पहली पारी में बढ़त ली है। उन्‍होंने 2002 हेमिल्‍टन टेस्‍ट में न्‍यूज़ीलैंड के ख़‍िलाफ़ 99 रनों पर ऑलआउट होने के बावजूद पांच रनों की बढ़त ली थी। वहीं 1936 में लॉर्ड्स में इंग्‍लैंड के ख़‍िलाफ़ 147 रनों पर ऑलआउट होने के बाद 13 रनों की बढ़त ली थी।
 
ऑस्‍ट्रेलिया के शीर्ष छह बल्‍लेबाज़ों ने पहली पारी में 37 रन जोड़े, यह 1978 में वेस्‍टइंडीज़ के ख़‍िलाफ़ ब्रिस्‍बेन टेस्‍ट के बाद से उनका न्‍यूनतम है। पर्थ टेस्‍ट की पहली पारी में भारत और ऑस्‍ट्रेलिया ने पांचवां विकेट गिरने से पहले कुल 97 रन जोड़े, यह भारत और वेस्‍टइंडीज़ के बीच 1987 दिल्‍ली टेस्‍ट के बाद से न्‍यूनतम है। दिल्‍ली में 67 रन जोड़े गए थे।
 
पर्थ टेस्‍ट की पहली पारियों में दो ऐसी साझेदारी हुई जो 10 या अधिक ओवर तक चली। ऋषभ पंत और नीतीश रेड्डी ने 14.1 ओवर में सातवें विकेट के लिए 48 रन जोड़े, जबकि मिचेल स्‍टार्क और जॉश हेज़लवुड ने 10वें विकेट के लिए 18 ओवर में 26 रन जोड़े। बाक़ी 18 साझेदारियां 20 से कम रन की रहीं।
 
 
पर्थ टेस्‍ट में भारत और ऑस्‍ट्रेलिया ने 254 रन जोड़े। यह ऑस्‍ट्रेलिया में 1981 के बाद से पहली पारी का संयुक्‍त रूप से न्‍यूनतम स्‍कोर है। 1981 में वाका स्‍टेडियम में मेज़बान और पाकिस्‍तान ने कुल 242 रन जोड़े थे। (एजेंसी)
 
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