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Last Modified: रविवार, 14 अगस्त 2022 (13:10 IST)

राकेश झुनझुनवाला का ड्रीम प्रोजेक्ट था अकासा, देखा था सबसे सस्ती उड़ान का सपना

राकेश झुनझुनवाला का ड्रीम प्रोजेक्ट था अकासा, देखा था सबसे सस्ती उड़ान का सपना - Rakesh jhunjhunwala dream project Akasa airlines
मुंबई। ख्‍यात शेयर कारोबारी राकेश झुनझुनवाला का रविवार सुबह निधन हो गया। वे भारत के वारन बफेट कहे जाते थे। अकासा एयर को राकेश झुनझुनवाला का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। झुनझुनवाला सबसे सस्ती उड़ान भरने वाले थे। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) से हवाई परिचालक प्रमाण-पत्र (AOC) मिलने के बाद 7 अगस्त को अकासा ने मुंबई से अहमदाबाद के बीच पहली उड़ान भरी थी।
 
अकासा एयर उनका ड्रीम प्रोजेक्ट थी। इसके लिए उन्होंने 5 करोड़ डॉलर (करीब 400 करोड़ रुपए) का निवेश किया था। 21 जून को ही कंपनी को अपने पहले बोइंग 737 मैक्स विमान की डिलिवरी मिली थी। इस इंडस्ट्री में उन्होंने तब हाथ डाला जब उन्होंने एयरलाइन का बिजनेस शुरू किया।
 
झुनझुनवाला ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि यूरोप में जब 10 नेशनल एयरलाइन डूब गईं तो एक नई एयरलाइंस रायन ने पहले दिन से मुनाफा बनाना शुरू कर दिया। हमारे पास भी ऐसा गेम प्लान है।
 
शेयर बाजार का यह दिग्गज खिलाड़ी मंदी के दौर में भी पैसे कमाने में माहिर था। वे अपने पीछे करीब 5.8 अरब डॉलर (46100 करोड़) की संपत्ति छोड़ गए हैं। अकासा में उनकी 46 फीसदी हिस्सेदारी है। एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि फिलहाल इस इंडस्ट्री में जितने भी प्लेयर्स हैं सभी कर्ज में डूबे हुए हैं जबकि भविष्य में यहां ग्रोथ की भरपूर संभावनाएं हैं। इस स्थिति का फायदा अकासा एयरलाइंस को जरूर मिलेगा। 
 
केंद्रीय विमानन मंत्री मंत्री सिंधिया ने भी कहा, 'राकेश झुनझुनवाला जी न केवल एक कुशल व्यवसायी थे, बल्कि भारत के विकास में भी निवेश करते थे। उन्हें एक दशक से अधिक समय के बाद भारत को नई उड़ान कंपनी अकासा एयर देने के लिए याद किया जाएगा। मैं उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं।'
 
झुझुनवाला ने भी अकासा एयरलाइंस के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में कहा था, 'मुझे आपको (सिंधिया) धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि लोग कहते हैं कि भारत में बहुत खराब नौकरशाही है लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हमें जो सहयोग दिया है, वह अविश्वसनीय है।'
 
उन्होंने कहा था कि दुनिया में कहीं भी किसी भी एयरलाइन की कल्पना किए जाने के बाद उसे 12 महीनों में मूर्त रूप नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, 'आम तौर पर एक बच्चा नौ महीने में पैदा होता है, हमें 12 महीने लगे। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सहयोग के बिना यह संभव नहीं होता।'
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