हितोपदेश की कहानियां : धूर्त गीदड़ और हाथी की कहानी
ब्रह्मवन में कर्पूरतिलक नामक हाथी था। उसको देखकर सब गीदड़ों ने सोचा, 'यदि यह किसी तरह से मारा जाए तो उसकी देह से हमारा चार महीने का भोजन होगा। उसमें से एक बूढ़े गीदड़ ने इस बात की प्रतिज्ञा की- मैं इसे बुद्धि के बल से मार दूंगा। फिर उस धूर्त ने कर्पूरतिलक हाथी के पास जा कर साष्टांग प्रणाम करके कहा- महाराज, कृपादृष्टि कीजिए। हाथी बोला- तू कौन है?