शेख चिल्ली के किस्से : सात परियां और मूर्ख शेख चिल्ली
शेख चिल्ली के किस्से मूर्खता और हंसी की बातों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। अगर कोश में 'शेखचिल्ली' शब्द का अर्थ देखें तो उसमें लिखा है- 'एक कल्पित मूर्ख जिसकी मूर्खता की अनेक कहानियां जन-साधारण में प्रसिद्ध हैं। गरीब शेख परिवार में जन्मा शेखचिल्ली धीरे-धीरे जवान हो गया। पढ़ा-लिखा तो था नहीं, अत: दिनभर कंचे खेलता। एक दिन मां ने कहा- 'मियां कुछ काम धंधा करो। बस, शेखचिल्ली गांव से निकल पड़े काम की तलाश में। मां ने रास्ते के लिए सात रोटियां बनाकर दी थीं।
शेखचिल्ली गांव से काफी दूर आ गए। एक कुआं दिखा तो वहां बैठ गए। सोचा रोटियां खा लूं। वह रोटी गिनते हुए कहने लगा- 'एक खाऊं.. दो खाऊं.. तीन खाऊं या सातों खा जा जाऊं ? उस कुएं में सात परियां रहती थीं। उन्होंने शेखचिल्ली की आवाज सुनी तो डर गईं। वे कुएं से बाहर आईं।