रविवार, 21 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. जन्माष्टमी
  4. Krishna Bhakti par Dohe

कृष्ण भक्ति : ब्रज की रज पर दोहे...

कृष्ण भक्ति : ब्रज की रज पर दोहे... - Krishna Bhakti par Dohe
ब्रज रज की महिमा अमर, ब्रज रस की है खान,
ब्रज रज माथे पर चढ़े, ब्रज है स्वर्ग समान।
 
भोली-भाली राधिका, भोले कृष्ण कुमार,
कुंज गलिन खेलत फिरें, ब्रज रज चरण पखार।
 
ब्रज की रज चंदन बनी, माटी बनी अबीर,
कृष्ण प्रेम रंग घोल के, लिपटे सब ब्रज वीर।
 
ब्रज की रज भक्ति बनी, ब्रज है कान्हा रूप,
कण-कण में माधव बसे, कृष्ण समान स्वरूप।
 
राधा ऐसी बावरी, कृष्ण चरण की आस,
छलिया मन ही ले गयो, अब किस पर विश्वास।
 
ब्रज की रज मखमल बनी, कृष्ण भक्ति का राग,
गिरिराज की परिक्रमा, कृष्ण चरण अनुराग।
 
वंशीवट यमुना बहे, राधा संग ब्रजधाम,
कृष्ण नाम की लहरियां, निकले आठों याम।
 
गोकुल की गलियां भलीं, कृष्ण चरणों की थाप,
अपने माथे पर लगा, धन्य भाग भईं आप।
 
ब्रज की रज माथे लगा, रटे कन्हाई नाम,
जब शरीर प्राणन तजे मिले, कृष्ण का धाम।
ये भी पढ़ें
14 अगस्त को है जन्माष्टमी, पढ़ें यह विशेष मनोकामना मंत्र