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शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014 (18:07 IST)
लखवी एमपीओ के तहत गिरफ्तार, रहेगा जेल में
इस्लामाबाद। मुंबई हमलों के प्रमुख षड्यंत्रकारी जकीउर रहमान लखवी को एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के एक दिन बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने शुक्रवार को उसके खिलाफ जन सुरक्षा कानून के कड़े प्रावधान लागू कर दिए जिनके तहत उसे तीन महीने और जेल में रहना होगा। उसे जमानत दिए जाने से भारत में रोष फैल गया था।
लखवी (54) को ‘मैंटीनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर’ (एमपीओ) के तहत तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया गया।
अभियोजन प्रमुख चौधरी अजहर ने शुक्रवार को कहा कि लखवी को शुक्रवार को सुबह रावलपिंडी की अडियाला जेल से रिहा किया जाना था लेकिन सरकार ने उसे 16 एमपीओ के तहत तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने इस बारे में भारत सरकार को भी सूचित कर दिया है।
इस्लामाबाद की आतंकवादरोधी अदालत ने लखवी को गुरुवार को साक्ष्य के अभाव में जमानत दे दी थी। लखवी के वकील द्वारा जेल अधिकारियों को जमानत आदेश दिखाए जाने से पहले ही अडियाला जेल के अधीक्षक को उसे हिरासत में रखने का आदेश सौंप दिया गया। अभियोजन प्रमुख ने बताया कि सरकार ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का सैद्धांतिक तौर पर फैसला किया है।
अजहर ने कहा कि हमने आतंकवादरोधी अदालत (एटीसी) के फैसले के खिलाफ अपील तैयार कर ली है और इसे आगामी सोमवार को दाखिल करेंगे। लखवी को रिहा करने के फैसले पर भारत की तरफ से तीखी आलोचना हुई है। पेशावर में तालिबान द्वारा स्कूली बच्चों सहित 148 लोगों को मौत के घाट उतार देने के बाद आए इस फैसले ने अनेक लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा आतंकवाद से निपटने के लिए एक हफ्ते के भीतर एक राष्ट्रीय योजना की घोषणा करने का संकल्प लिए जाने के एक दिन बाद ही लखवी को जमानत मिल गई थी।
शरीफ ने यह कहकर राष्ट्रीय योजना घोषित करने का संकल्प लिया था कि समूचे क्षेत्र से आतंकवाद का सफाया किया जाना चाहिए।
लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम पर मुंबई हमलों के सिलसिले में आरोप लगाया गया है। (भाषा)