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Last Modified: गुरुवार, 16 जून 2016 (12:24 IST)

गर्भाशय ट्रांसप्लांट के बाद शिशु को जन्म दिया

गर्भाशय ट्रांसप्लांट के बाद शिशु को जन्म दिया - Uterus transplant
स्वीडन की मलिन स्टेनबर्ग जब पंद्रह वर्ष की थीं, उन्हें डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर में गर्भाशय नहीं है, इस कारण से वे कभी भी बच्चों को जन्म नहीं दे सकेंगी। लेकिन करिश्माई तरीके से इस महिला ने बच्चे को जन्म दिया और दुनिया की पहली ऐसी महिला बनी जिसने गर्भाशय के ट्रांसप्लांट के बच्चे को जन्म दे दिया। मलिन ने गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी (स्वीडन)  का एक मेडिकल ट्रायल ज्वाइन किया था। उनकी ही तरह 9 दूसरी महिलाएं भी मां बनने की आस में इस ट्रायल से जुड़ी थीं। 
 
डेलीमेल डॉट कॉम के लिए साइंस एडीटर फियोना मैकरे लिखती हैं कि सभी महिलाओं को किसी न किसी परिवार के सदस्य से गर्भाशय मिल गया था। मलिन को बच्चेदानी 61 साल की उनके परिवार की एक मित्र इवा रोजन से मिली। जैसे ही उनका गर्भाशय का ऑपरेशन सफल हुआ। उन्होंने आईवीएफ ट्रीटमेंट से गर्भाधान करवाया और डॉक्टरों को उनके पहले ही प्रयास में सफलता मिली। 
 
हालांकि बच्चा नियत समय से दो महीने पहले ही पैदा हो गया, लेकिन वह स्वस्थ था। उन्होंने बच्चे का नाम विंसेंट रखा। मां बनने के बाद मलिन ने बताया कि 'मुझे मां बनके बहुत अच्छा लग रहा है। इन दिनों इस स्वस्थ और शरारती बच्चे के रूप में जो खुशी मिली है वह बहुत ही खूबसूरत है।' फिलहाल विंसेंट का कोई भाई या बहन पैदा नहीं हो सकता क्योंकि मलिन के लिए दूसरी बार गर्भाधान करना खतरनाक हो सकता है।
 
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में करीब 15 हजार महिलाएं बिना गर्भाशय के पैदा होती हैं या फिर किसी कारण से उनके गर्भाशय को निकालना पड़ता है। ऐसी महिलाओं के लिए सर्जन रिचर्ड स्मिथ किसी भगवान से कम नहीं हैं। वह ब्रिटेन में ऐसी महिलाओं के लिए एक चैरिटी प्रोग्राम चलाते हैं जिससे ये महिलाएं मां बन सकती हैं।
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