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Last Modified: वॉशिंगटन , शुक्रवार, 20 जनवरी 2017 (15:17 IST)

खुलासा! आईएस की हिंसक गतिविधियों को लेकर चिंतित था लादेन

खुलासा! आईएस की हिंसक गतिविधियों को लेकर  चिंतित था लादेन - Osama Bin Laden Worried
वॉशिंगटन। ओसामा बिन लादेन अपनी मौत से कुछ महीने पहले इस्लामिक स्टेट की हिंसक गतिविधियों और अल कायदा का प्रभाव कमजोर पड़ने को लेकर चिंतित था। सीआईए की ओर से शुक्रवार को जारी दस्तावेजों में यह बात कही गई है।
 
नेवी सील्स ने वर्ष 2011 में अल कायदा प्रमुख के पाकिस्तान स्थित गोपनीय ठिकाने पर हमला करके उसे मार गिराया था। उस समय मिले दस्तावेजों में से कुछ दस्तावेज हाल में जारी किए गए। हाल में जारी इन दस्तावेजों में यह दिखाया गया है कि लादेन अमेरिका के खिलाफ अपनी लड़ाई में विश्वभर के अपने जिहादी समर्थकों को एकजुट करने की कोशिश कर रहा था।
 
इन दस्तावेजों में यह भी पता चला है कि लादेन ने एक चिंतित पिता के तौर पर अपने बेटों को सचेत किया था कि उनका पता लगाने के लिए उनके शरीर में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाई जा सकती हैं। दस्तावेजों के अनुसार उसने उत्तर अफ्रीका में अल कायदा के आतंकवादियों को सलाह दी थी कि हस्तमैथुन करने में कुछ गलत नहीं है।
 
उसका काफी समय इस बात के प्रबंधन में भी व्यतीत होता था कि उसके संगठन के दूरदराज स्थित सहयोगियों ने जिन विदेशियों का अपहरण किया है, उन्हें कैसे और कहां रखना है और उनके साथ क्या करना है?
 
लादेन अपने परिवार के मूल देश यमन के मामलों में काफी ध्यान दिया करता था, जहां शक्तिशाली नई शाखा अल कायदा ऑन द अरेबियन पेनिनसुला (एक्यूएपी) का मजबूत प्रभाव था। उसने एक्यूएपी के संस्थापक नसीर अल वुहायशी को एक पत्र में सचेत किया था कि वे सरकार विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में बहुत जल्दबाजी नहीं करें, क्योंकि अभी किसी भी जगह ऐसा इस्लामिक स्टेट गठित करने का सही समय नहीं है, जो प्रभावशाली तरीके से सत्ता संभाल सके और बाहरी हमलों का सामना कर सके।
 
लादेन ने लिखा था कि तब तक खून नहीं बहाया जाना चाहिए, जब तक कि हमारे पास यह दर्शाने वाले सबूत नहीं हों कि इस्लामिक स्टेट की स्थापना एवं उसके प्रबंधन में सफलता मिल सकती है या क्या इस प्रकार के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए खून बहाना सही है? 
 
उसने लिखा था कि इसे लेकर बड़े स्तर पर प्रतिक्रिया मिल सकती है जिससे हम असली युद्ध की स्थिति में पहुंच सकते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि ये दस्तावेज करीब वर्ष 2010 के समय के हैं। इनमें से कुछ दस्तावेज बिन लादेन ने लिखे हैं और कुछ उसकी ओर से अन्य लोगों ने लिखे हैं।
 
उसने विश्व के मुसलमान समुदाय के लिए 'उम्माह' शब्द का प्रयोग करते हुए लिखा कि उम्माह के शत्रु आज एक दुष्ट पेड़ की तरह हैं और इस पेड़ का तना अमेरिका है। पत्रों में यह भी खुलासा हुआ है कि यमन में अल कायदा का आतंकवादी अनवर अल अवलाकी एक्यूएपी के प्रमुख या अमीर के रूप में नामित किए जाने वाले उम्मीदवारों में से एक था। अवलाकी का जन्म अमेरिका में हुआ था। लादेन ने उसके जीवन के बारे में और जानकारी मांगी थी।
 
लादेन ने अपनी शंकाएं दर्शाते हुए यह भी कहा था कि हम यहां लोगों को मोर्चे पर भेजने और उनकी परीक्षा लेने के बाद उन पर भरोसा करते हैं। (भाषा)
 
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