म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर संयुक्त राष्ट्र से की हस्तक्षेप की अपील
संयुक्त राष्ट्र। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित दर्जनभर से अधिक लोगों ने संयुक्त राष्ट्र से म्यांमार के रोहिंग्या अल्पसंख्यक समूह के मानवीय संकट को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है। इस समूह के सदस्य सेना द्वारा चलाए गए अभियान से बचने के लिए बांग्लादेश जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लिखे गए एक खुले पत्र में गुरुवार को 23 नोबेल विजेताओं, राजनीतिज्ञों, समाजसेवियों और कार्यकर्ताओं ने कहा है कि म्यांमार में मानवता के खिलाफ अपराध हो रहा है।
इस पत्र में म्यांमार की नेता आंग सान सू ची की भी आलोचना की गई है, जो कि खुद भी नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी हैं। सू ची की आलोचना करते हुए पत्र में कहा गया है कि रोहिंग्या समुदाय को सुरक्षा पहुंचाने की पहल नहीं की गई।
समूह ने लिखा कि हम निराश हो गए हैं कि उन्होंने (सू ची ने) अभी तक रोहिंग्या समुदाय को पूर्ण और समान नागरिकता अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। हाल के सप्ताह में राखिन राज्य में सेना द्वारा अभियान चलाने के बाद इस मुस्लिम अल्पसंख्यक समूह के 27,000 से अधिक सदस्य वहां से पलायन कर गए।
वहां रह गए रोहिंग्या समुदाय के सदस्यों ने बताया कि उन्हें सैनिकों के हाथों बलात्कार, हत्या और आगजनी का सामना करना पड़ा। इस खुलासे के बाद वैश्विक स्तर पर चिंता जाहिर की गई और दक्षिण पूर्व एशिया में विरोध प्रदर्शन भी हुए। (भाषा)