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Last Updated : मंगलवार, 28 सितम्बर 2021 (12:57 IST)

‘मां कसम बदला लूंगा’… 22 किलोमीटर दूर से लौटा बंदर और उस शख्‍स से लिया ‘बदला’ जिसने...

‘मां कसम बदला लूंगा’… 22 किलोमीटर दूर से लौटा बंदर और उस शख्‍स से लिया ‘बदला’ जिसने... - Monkey revenge, monkey, Social Media, Forest Department
बदला लेने की कहानी आपने बॉलीवुड फि‍ल्‍मों में सुनी होगी। लेकिन अगर कोई बंदर अपने साथ हुए अन्‍याय का बदला ले तो इसे आप क्‍या कहेंगे। इन दिनों सोशल मीडिया पर कुछ इसी तरह की कहानी की चर्चा हो रही है। इसे मंकीज रिवेंज कहा जा रहा है। अगर आप इसे कहें कि ‘मां कसम बदला लूंगा’ तो शायद गलत नहीं होगा।

ये खबर कर्नाटक की है। जहां एक शख्स ने जंगली बंदर की खबर वन विभाग को दे दी थी। जिसके बाद उसे दूर कहीं ले जाया गया। बस, इसी बात से नाराज होकर बंदर ने शख्स का जीना हराम कर दिया। बदला लेने वाले कर्नाटक के इस बंदर की कहानी जानकर लोग हैरान हैं।

कर्नाटक के चिकमगलूर जिले के कोट्टिघेरा गांव में कुछ दिनों से पांच साल का एक बंदर आतंक मचा रहा था। इससे लोगों के मन में खौफ था। बंदर के खौफ के कारण लोग परेशान थे। उसे पकड़वाने के लिए गांव में रहने वाले एक शख्स जगदीश ने वन वभाग को सूचना दी।

इसके बाद बंदर को पकड़वाने में भी जगदीश ने मदद की। बंदर को पकड़ तो लिया गया, लेकिन बंदर ने शख्स को पहचान लिया। जंगल में छोड़े जाने के बाद बंदर एक हफ्ते बाद वापस आया। लेकिन लोगों को तंग करने के लिए नहीं। उसे पकड़वाने वाले जगदीश से बदला लेने के लिए। हैरानी की बात है कि उसने गांव के किसी दूसरे शख्‍स को परेशान नहीं किया, वो सीधा जगदीश के पास ही गया।

5 साल का ये बंदर बोनेट मैकक्वे प्रजाति का है। ये गांव में आने-जाने वाले लोगों पर अटैक करता था। अगर कोई कुछ खाता दिखाई देता, तो उससे खाना छीन लेता। सब्जी और फल बेचने वाले उससे त्रस्त हो गए थे। बंदर गांव के बच्चों को परेशान कर रहा था। इस कारण गांव में रहने वाले एक ऑटो ड्राइवर ने वन विभाग को उसे पकड़ने के लिए कॉल कर दिया।

बंदर को बुलाने वाले ऑटो ड्राइवर जगदीश ने उसे पकड़वाने में भी मदद की थी। उसने उसे जाल बुनकर फंसाया था। इसके बाद वन विभाग की टीम उसे लेकर जंगल गई और वहां छोड़ आई। इसके बाद जगदीश बंदर के निशाने पर आ गया।

एक हफ्ते बाद बंदर गांव में वापस लौटा और सीधा जगदीश को टारगेट किया। वो जहां जाता, बंदर पीछे पीछे पहुंच जाता। बंदर ने उस पर अटैक किया। उसके ऑटो की सीट फाड़ दी। शख्स बंदर के खौफ से घर से नहीं निकल पा रहा था। दुबारा से वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई और 22 सितंबर को उसे फिर से जंगल छोड़ा गया।

इस घटना के सामने आने के बाद से एनिमल एक्सपर्ट्स भी हैरान हैं। बंदर या अन्य जानवर किसी से बदला लेने के लिए 22 किलोमीटर से लौटा हो ऐसा कभी नहीं हुआ।
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