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Last Modified: बुधवार, 17 अक्टूबर 2018 (13:56 IST)

देश में आर्थिक असमानता चरम पर - उर्मिलेश

देश में आर्थिक असमानता चरम पर - उर्मिलेश - Urmilesh, State Press Club Programme
इंदौर। वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी भारत भूख से प्रभावित देशों की कतार में है अभिव्यक्ति की आजादी में भी 138वें नंबर पर है। भारतीय मीडिया की हालत दयनीय है। आंचलिक खबरों को तवज्जों नहीं के बराबर मिल रही है।
 
वे होलकर ज्ञान मंडपम, अभय प्रशाल परिसर में स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित‘‘संवाद‘‘ कार्यक्रम में ‘‘भारतीय लोकतंत्र का मौजूदा परिदृश्य और मीडिया‘‘ विषय पर बोल रहे थे। कार्यक्रम के अध्यक्षता कवि एवं लेखक जसबीर सिंह चावला ने की। 
 
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने कहा कि स्वतंत्र भारत में हम वास्तविकता में स्वतंत्र नहीं हुए हैं। हमारे आसपास के छोटे - छोटे देश हमसे ज्यादा अच्छी स्थिति में हैं। विश्व के भूख से प्रभावित देशों की सूची में 119 देश है, जिसमें भारत 103 वें क्रम पर है। आर्थिक असमानता चरम पर है। 
 
आयकर कानून 1922 में जब आया तब आर्थिक असमानता नहीं थी। जनता को असली आजादी तब मिलेगी जब जनता की मांग पर सरकार अपने फैसले बदलेगी। अभी जनता की मर्जी के विरूद्ध सरकार फैसले लेती हैं और जनता असहाय रहती है। वह कोर्ट तक जाती है। इस देश में जनता की सत्ता होना चाहिए। जनता के बहुमत से सरकार को फैसले लेने चाहिए। 
 
संसद में अनेक सांसद अपने मत सिर्फ अपनी पार्टी के नेता के आदेश पर देते है। वास्तविक शक्ति जनता के हाथ में होना चाहिए, जो अभी नहीं है। भारतीय संविधान का दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है, पहले उसमें राजनैतिक दलों का कोई उल्लेख नहीं था, किंतु संशोधन कर दलों को भी समावेश कर दिया है। 
 
जाने-माने पत्रकार उर्मिलेश ने सोशल, मीडिया, वेब पोर्टल, वेब साईट को जनता की बहुत बडी शक्ति बताया। लोकतंत्र को साबित करने के लिए सोशल मीडिया का और अधिक मजबूती से उपयोग होना चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि जनांदोलन से उड़ीसा के नियमगीर क्षेत्र में खदान तथा महाराष्ट्र के राजगढ़ क्षेत्र में सेज के लिए भूमि कारपोरेट जगत को देने वाले फैसले सरकार को वापस लेना पडे थे, किंतु मीडिया ने इन ऐतिहासिक फैसलों को तवज्जों नहीं दी। आज मीडिया कुछ कारपोरेटर्स के इशारों पर चल रहा है जो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुकूल नहीं है। 
 
हमें लोकतंत्र के वास्तविक अर्थ को समझना होगा जो शक्ति जनता के पास होना चाहिए वह शक्ति सरकार ने अपने पास रख रखी है, वह असली आजादी के विरूद्ध है। 
 
उर्मिलेश ने आगे कहा कि मंडल आयोग की रिपोर्ट में आरक्षण के बारे में बहुत कम उल्लेख है। उस रिपोर्ट में गैर बराबरी का विस्तार से वर्णन है। आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए अनेक उपाय करने की सिफारिशें है। असमानता के मामले में भारत विश्व में 135 वें नंबर पर है। उन्होंने अनेक विषयों को आंकडों सहित प्रस्तुत किया।
 
प्रारंभ में कार्यक्रम संयोजक कमल कस्तुरी, महासचिव विजय अड़ीचवाल, अतुल लागू, विजय गुंजाल, नीलेश जैन ने अतिथियों का स्वागत किया। वरिष्ठ पत्रकार अनिल जैन एवं अजय भट्ट ने स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस मौके पर जसबीर सिंह चावला द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने किया। कार्यक्रम का संचालन स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने किया। 
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