इंदौर में महाराणा प्रताप एवं छत्रसाल जयंती पर 'साइक्लोथॉन' में उमड़ा साइकल चालकों का सैलाब
इंदौर। एक ओर जहां इंदौर के मैराथन साइक्लिस्ट नीरज याग्निक कल हल्दीघाटी से पावन माटी साथ लेकर दिन-रात चलते हुए प्रातः 6:15 बजे महाराणा प्रताप प्रतिमा, महू नाका पहुंचे, वहीं दूसरी ओर इंदौर के ऊर्जावान साइक्लिस्ट सुबह 6 बजे से ही साइक्लोथॉन के स्टार्ट पाइंट पर जुटना शुरू हो गए।
छत्रसाल प्रतिमा से ठीक 6:40 पर डॉ. अरुण अग्रवाल, डॉ. संग्राम सिंह एवं प्रवीण पाराशर ने रैली को फ्लैग ऑफ किया। महाराणा प्रताप प्रतिमा से नीरज याग्निक ने भी 6:45 पर देशभक्ति के गीतों के बीच रैली को फ्लैग ऑफ किया।
जैसे ही दोनों रैलियां शिवाजी प्रतिमा तक 7:10 से 7:15 के बीच पहुंचीं तो संपूर्ण वातावरण भारत माता की जय और राणा-छत्रसाल के जयकारे से गूंज उठा। देखते ही देखते 7:30 बजे तक स्टेडियम के मुख्य द्वार के समीप लगे मंच के सामने से शिवाजी प्रतिमा और जीपीओ तक का स्थान लगभग 8 हजार साइक्लिस्ट से भर गया।
जैसा अद्भुत दृश्य आज शिवाजी प्रतिमा पर दिखा, वह सभी प्रतिभागियों एवं दर्शनार्थियों के लिए अविस्मरणीय बन गया। समागम स्थल पर जब नीरज याग्निक अपने हाथों मे हल्दी घाटी की पावन माटी का पात्र लेकर जन समूह के बीच पहुंचे तो सभी ने असीम श्रद्धा भाव से उस वीर भूमि की माटी को अपने माथे से लगाया।
विगत 24 घंटे से सतत अपनी साइकल चलाते हुए हल्दी घाटी से इंदौर तक 450 किलोमीटर का सफर तय करके आए नीरज याग्निक ने इंदौर की जनता को फिटनेस और व्यायाम का महत्व बताते हुए इंगित किया कि स्वस्थ व ऊर्जावान भारत ही भविष्य में विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम होगा।
मंच पर पद्मश्री सुशील दोषी के साथ संदीप अत्रे, डॉ. अरुण अग्रवाल, डॉ. संग्राम सिंह, प्रवीण पाराशर, डॉ. राकेश शिवहरे, माला ठाकुर तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।