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Written By WD

हिन्दी : हम सबकी गौरव भाषा

-अशोक कुमार शेरी

Hindi diwas | हिन्दी : हम सबकी गौरव भाषा
* राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है। राष्ट्र के गौरव का यह तकाजा है कि उसकी अपनी एक राष्ट्रभाषा हो। कोई भी देश अपनी राष्ट्रीय भावनाओं को अपनी भाषा में ही अच्छी तरह व्यक्त कर सकता है।

* भारत में अनेक उन्नत और समृद्ध भाषाएं हैं किंतु हिन्दी सबसे अधिक व्यापक क्षेत्र में और सबसे अधिक लोगों द्वारा समझी जाने वाली भाषा है।

* हिन्दी केवल हिन्दी भाषियों की ही भाषा नहीं रही, वह तो अब भारतीय जनता के हृदय की वाणी बन गई है।

* सर्वोच्च सत्ता प्राप्त भारतीय संसद ने देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी को राजभाषा के पद पर आसीन किया है। अब यह अखिल भारत की जनता का निर्णय है।

* संसार में चीनी के बाद हिन्दी सबसे विशाल जनसमूह की भाषा है।

* प्रांतों में प्रांतीय भाषाएं जनता तथा सरकारी कार्य का माध्यम होंगी, लेकिन केंद्रीय और अंतरप्रांतीय व्यवहार में राष्ट्रभाषा हिन्दी में ही कार्य होना आवश्यक है।