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Last Modified: रविवार, 21 सितम्बर 2014 (16:35 IST)

बच्चों में बढ़ता मोटापा, खराब हो रही है हडि्डयां

बच्चों में बढ़ता मोटापा, खराब हो रही है हडि्डयां - बच्चों में बढ़ता मोटापा, खराब हो रही है हडि्डयां
बच्चों में बढ़ते मोटापे के कारण उनकी हडि्डयां बचपन में ही खराब हो रही हैं और वे स्कूल जाने की उम्र में ही आर्थराइटिस एवं ओस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों के शिकार बन रहे हैं। 
 
 अस्थि विशेषज्ञ डॉ. राजू वैश्य ने बताया कि ज्यादा मोटे बच्चों में अतिरिक्त वसा की मात्रा कमर, पैर के ऊपरी हिस्सों में जम जाती है। बाद में वसा कूल्हों के अलावा लीवर, मांसपेशियों-हड्डियों और यहां तक कि अस्थि मज्जा में भी जमा होती है और जब इसकी मात्रा अधिक हो जाती है तो कोशिकाओं के लिए और विकसित होने की जगह नहीं बचती है। इसके परिणाम स्वरूप हड्डियां अविकसित एवं कमजोर रह जाती है। 


 
उन्होंने बताया कि आस्टियोब्लास्टस सेल्स के नाम से जाने जाने वाली कोशिकाओं से ही हड्डियों के विकास के लिए जरूरी उतकों का निर्माण होता है लेकिन अस्थि मज्जा में अतिरिक्त वसा के जमा होने से इन कोशिकाओं के विकास के लिये जरूरी जगह नहीं मिल पाती है तो कोशिकाओं के विकास होने से हड्डियों का विकास रूक जाता है। हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और हल्की सी चोट लगने पर भी फ्रैक्चर का खतरा होता है। 
 
डॉ. रोहिणी हांडा के अनुसार आज लोगों में एक गलत धारणा है कि जोड़ों को प्रभावित करने वाली रहयुमेटॉयड आर्थराइटिस आर ए जैसी टोइम्युन बीमारियां केवल बुजुर्गों और अधिक उम्र के लोगों को ही प्रभावित करती हैं बल्कि इसके उलट अध्ययनों एवं शोध से पाया गया है कि बच्चे, युवा और सक्रिय लोग भी अपाहिज बना देने वाली इन समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं। 
 
    आहार विशेषज्ञ डा. पल्लवी वैश्य ने बताया कि आजकल बच्चे स्वास्थ्यवद्र्धक आहार लेने के बजाय जंक फूड. फास्ट फूड और तली हुयी चीजें खाने पर ज्यादा जोर देते हैं। इससे वसा तो बढता है लेकिन शरीर और हड्डियो के लिये जरू री खनिज की कमी हो जाती है। हड्डियों में भी खनिज पदाथा6 का घनत्व कम होता है और हडि्डयां कमजोर होने लगती हैं। नतीजा हडि्डयों का आकार प्रभावित होता है और वे कमजोर हो जाती हैं। 


 
डॉ. राजू वैश्य ने बताया कि पहले इस तरह की धारणा थी कि मोटे शरीर की हड्डियां ज्यादा मजबूत होती हैं। पहले माना जाता था कि अधिक वजन वाले लोगों के शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं। कुछ विशेषज्ञों का तर्क था कि मोटे शरीर में हड्डियों को सुरक्षा मिलती है लेकिन नए अध्ययनों से साबित हुआ है कि मोटापे से हड्डियां कमजोर होती हैं। 
 
डॉ. पल्लवी ने बताया कि शरीर में हड्डियों के समुचित विकास के लिए कैल्शियम की सही मात्रा की जरूरत होती है। शरीर ठीक तरह से कैल्शियम ग्रहण करे और उसे पचाए, इसके लिए विटामिन डी जरूरी है। इसलिए बच्चों को कैल्शियम वाला आहार देना चाहिए और विटामिन डी की कमी नहीं होने देना चाहिए। 
 
डॉ. हांडा ने बताया अगर शरीर और हडिडयों में बार-बार दर्द की शिकायत है तो हडि्डयों की जांच करानी चाहिए। इसके लिये बोन डेंसिटी टेस्ट कराए जाने चाहिए। अगर ओस्टियोपोरोसिस हो तो दवाइयों और व्यायाम से लाभ मिलता है, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर सर्जरी कराने की जरूर हो सकती है। 
 
डॉ. पल्लवी वैश्य ने सुझाव दिया किया कि बच्चों को शुरू से ही कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर आहार देना चाहिए। दूध और दूध से बनी चीजों से कैल्शियम की कमी की पूर्ति होती है। हरी सब्जियां, सलाद, फल, दाल,  मछली आदि को आहार में शामिल करना चाहिए। बच्चों को जंक फूड एवं तली हुई चीजों से दूर रखना चाहिए। इसके अलावा रोजाना कम से कम एक घंटे के लिए घर के बाहर खेलना चाहिए।