शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. गणेशोत्सव
  4. Ganesh Chaturthi puja in Hindi
Written By

श्री गणेश जी की विधिवत सरल पूजा

श्री गणेश जी की विधिवत सरल पूजा - Ganesh Chaturthi puja in Hindi
श्री गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की सरलतम विधि से पूजन करें। भगवान गणेश जी की पूजन में वेद मंत्र का उच्चारण किया जाता है। जिन्हें वेद मंत्र न आता हो, उनकों नाम-मंत्रों से पूजन करना चाहिए।
स्नान करने के पश्चात अपने पास समस्त सामग्री रख लेंं फिर आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठकर तीन बार निम्न मंत्र बोलकर आचमन करें।
 
ॐ केशवाय नम: 
ॐ नारायणाय नम:
ॐ माधवाय नम: 
 
आचमन के पश्चात हाथ में जल लेकर 'ॐ ऋषिकेशाय नम: बोलकर हाथ धो लें।
 
हाथ धोने के बाद पवित्री धारण करें, पवित्री के बाद बाएं हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से अपने ऊपर और पूजन सामग्री पर छिड़क ले।
 
ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु बोलकर गणेश जी एवं अम्बिका (सुपारी में मौली लपेटकर) को स्थापित करें निम्न मंत्र बोलकर आवाहन करें।
 
ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:!! 
 
फिर कामना-विशेष का नाम लेकर सकल्प ले लें, अर्थात दाहिने हाथ में जल, सुपारी, सिक्का, फूल एवं चावल लेकर जिस निमित्त पूजन कर रहे है उसका मन में उच्चारण करके थाली या गणेश जी के सामने छोड़ दें।
 
अब हाथ में चावल लेकर गणेश अम्बिका का ध्यान करें।
 
ॐ भूर्भुव:स्व: सिध्दिबुध्दिसहिताय गणपतये नम:,
गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!
 
ॐ भूर्भुव:स्व:गौर्ये नम:,गौरीमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!
 
आसन के लिए चावल चढ़ाएं,
 
ॐ गणेश-अम्बिके नम:आसनार्थे अक्षतान समर्पयामि! 
 
फिर स्नान के लिए जल चढ़ाएं,
 
ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:स्नानार्थ जलं समर्पयामि!
 
फिर दूध चढ़ाएं!
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पय:स्नानं समर्पयामि!
 
फिर दही चढ़ाएं!
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दधिस्नानं समर्पयामि!
 
फिर घी चढ़ाएं!
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,घृतस्नानं समर्पयामि!
 
फिर शहद चढ़ाएं। 
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,मधुस्नानं समर्पयामि। 
 
फिर शक्कर चढ़ाएं। 
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,शर्करास्नानं समर्पयामि। 
 
फिर पंचामृत चढ़ाएं। (दूध, दही, शहद, शक्कर एवं घी को मिलाकर) 
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पंचामृतस्नानं समर्पयामि!
 
फिर चंदन घोलकर चढ़ाएं।
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,गंधोदकस्नानं समर्पयामि!
 
फिर शुद्ध जल डालकर शुद्ध करें।
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,शुध्दोदकस्नानं समर्पयामि! 
 
फिर उनको आसन पर विराजमान करें। 
 
फिर वस्त्र चढ़ाएं।
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,वस्त्रं समर्पयामि!
 
फिर आचमनी जल छोड़ दें,
 
उसके बाद उपवस्त्र (मौली) चढ़ाएं।
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, उपवस्त्रं समर्पयामि!
 
फिर आचमनी जल छोड़ दे,
फिर गणेश जी को यज्ञोपवित (जनेऊ) चढ़ाएं!
 
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाभ्यां नम:यज्ञोपवितं समर्पयामि!
 
फिर आचमनी जल छोड़ दें।
फिर चन्दन लगाए।
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,चंदनानुलेपनं समर्पयामि!
 
फिर चावल चढ़ाएं।
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,अक्षतान समर्पयामि!
 
फिर फूल-फूलमाला चढ़ाएं। 
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पुष्पमालां समर्पयामि!
 
फिर दूर्वा चढ़ाएं। 
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दुर्वाकरान समर्पयामि। 
 
फिर सिन्दूर चढ़ाएं!
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, सिन्दूरं समर्पयामि! 
 
फिर अबीर, गुलाल, हल्दी आदि चढ़ाएं।
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नानापरिमलद्रव्याणि समर्पयामि!
 
फिर सुगंधित (इत्र) चढ़ाएं। 
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, सुंगधिद्रव्यं समर्पयामि!
 
फिर धूप-दीप दिखाएं।
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,धूप-दीपं दर्शयामि!
 
फिर ऋषि केशाय नम: बोलकर हाथ धोकर नैवेध लगाए।
 
ॐ प्राणाय स्वाहा! ॐ अपानाय स्वाहा! ॐ समानाय स्वाहा!
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नैवेधं निवेदयामि!
 
फिर ऋतुफल चढ़ाएं।
ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,ऋतुफलानि समर्पयामि!
 
फिर लौंग-इलायची, सुपारी अर्पित करें। 
 
फिर दक्षिणा चढ़ाकर भगवान गणेश जी की आरती करें।
 
फिर परिक्रमा करें! तत्पश्चात भगवान गणेश-अम्बिका से प्रार्थना करें! 
 
फिर दाहिने हाथ में जल लेकर पृथ्वी पर छोड़ दें।
 
यह बोलकर अन्य पूज्य गणेशाम्बिके प्रीयेताम न मम! इस प्रकार श्री गणेश जी की पूजन करके अपने संपूर्ण मनोरथ पूर्ण कर सकते हैं। 

ये भी पढ़ें
संवत्सरी पर्व पर 'मिच्छामी दुक्कड़म' कहकर मांगेंगे क्षमा...