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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 16 सितम्बर 2024 (15:59 IST)

Ganesh Visarjan 2024: गणेश विसर्जन का 10वें दिन का शुभ मुहूर्त 2024, विदाई की विधि जानें

Ganesh Visarjan 2024: गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त और विसर्जन की विधि

lord ganesh AI
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Ganesh Visarjan Vidhi Muhurat: भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणपति स्थापना के बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन गणेश मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहते हैं। इसी दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है। इस बार यह चतुर्दशी उदयातिथि के अनुसार 17 सितंबर 2024 मंगलवार को रहेगी। जानिए इस दिन विसर्जन का शुभ मुहूर्त।
 
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- 16 सितम्बर 2024 को दोपहर बाद 03:10 बजे से।
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 17 सितम्बर 2024 को सुबह 11:44 बजे तक।
 
विसर्जन से पहले गणेश पूजा का मुहूर्त- प्रात: 06:07 से सुबह 11:46 तक।
 
गणेश मूर्ति विसर्जन का मुहूर्त:-
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत)- सुबह 09:30 से दोपहर 02:04 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11:51 से दोपहर 12:40 के बीच।
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) :अपराह्न 03:36 से शाम  05:07 के बीच।
सायाह्न मुहूर्त (लाभ): रात्रि 08:07 से रात्रि 09:36 के बीच।
 
नोट : उपरोक्त शुभ मुहूर्त में कभी भी विसर्जन कर सकते हैं। परंतु हमारी सलाह है कि अभिजीत मुहूर्त में विसर्जन करें। विसर्जन से पहले हमने पूजा का शुभ मुहूर्त ऊपर लिखा है। 
ganesh visarjan vidhi
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आइए जानें कैसे करें श्री गणेश जी की विदाई और विसर्जन की विधि:- 
  • सबसे पहले 10 दिन तक की जाने वाली आरती-पूजन-अर्चन करें। 
  • विशेष प्रसाद का भोग लगाएं। 
  • अब श्री गणेश के पवित्र मंत्रों से उनका स्वस्तिवाचन करें।
  • एक स्वच्छ पाटा लें। उसे गंगाजल या गौमूत्र से पवित्र करें। 
  • घर की स्त्री उस पर स्वास्तिक बनाएं। उस पर अक्षत रखें। 
  • इस पर एक पीला, गुलाबी या लाल सुसज्जित वस्त्र बिछाएं। 
  • इस पर गुलाब की पंखुरियां बिखेरें। साथ में पाटे के चारों कोनों पर चार सुपारी रखें। 
  • अब श्री गणेश को उनके जयघोष के साथ स्थापना वाले स्थान से उठाएं और इस पाटे पर विराजित करें। 
  • पाटे पर विराजित करने के उपरांत उनके साथ फल, फूल, वस्त्र, दक्षिणा, 5 मोदक रखें। 
  • एक छोटी लकड़ी लें। उस पर चावल, गेहूं और पंच मेवा की पोटली बनाकर बांधें। 
  • यथाशक्ति दक्षिणा (‍सिक्के) रखें। 
  • मान्यता है कि मार्ग में उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। 
  • इसलिए जैसे पुराने समय में घर से निकलते समय जो भी यात्रा के लिए तैयारी की जाती थी वैसी श्री गणेश के बिदा के समय की जानी चाहिए। 
  • नदी, तालाब या पोखर के किनारे विसर्जन से पूर्व कपूर की आरती पुन: संपन्न करें। 
  • श्री गणेश से खुशी-खुशी बिदाई की कामना करें और उनसे धन, सुख, शांति, समृद्धि के साथ मनचाहे आशीर्वाद मांगे। 
  • 10 दिन जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना भी करें। 
  • श्री गणेश प्रतिमा को फेंकें नहीं उन्हें पूरे आदर और सम्मान के साथ वस्त्र और नदी के लिए अनुकूल समस्त सामग्री के साथ धीरे-धीरे बहाएं।
  • श्री गणेश इको फ्रेंडली हैं तो पुण्य अधिक मिलेगा क्योंकि वे पूरी तरह से पानी में गलकर विलीन हो जाएंगे। आधे अधूरे और टूट-फूट के साथ रूकेगें नहीं।