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Written By WD

होली की चटपटी पैरोडी : मुबारक होली के ये रंग

- एमके सांघी

Holi Festival in Hindi | होली की चटपटी पैरोडी : मुबारक होली के ये रंग
फिल्म : डुप्लीकेट
गीत : कब मैंने ये सोचा था

कम मैंने ये सोचा था
कब मैंने ये जाना था
तुम मेरे निकट आओगे
बांहों में लिपटाओगे

हाथों में रंग भरोगे
मेरे चेहरे पे मलोगे
मेरे मेहबूब मेरे सनम
मेरे मेहबूब मेरे सनम
मुबारक होली के ये रंग

आंखों में शरारत ये जो
पहले तो नहीं थी
चेहरे की मुस्कुराहट
पहले तो नहीं थी

पहले तो न यूं छाई थी
रंगों की ये छटाएं
पहले तो न यूं महकी थीं
फागुन की ये हवाएं

पहले तो नहीं आती थीं
लड़कपन की ये अदाएं
आज किसने हंसी ये सितम
मुबारक होली के ये रंग

तुम पर होली का जादू
पहले तो नहीं था
दिल जैसा है बेकाबू
पहले तो नहीं था
पहले तो नहीं होती थी
रंगों की ये बरसातें

हैरान हूं में भीगी तन
रंगों को लिपटा के
इनकार करना था, लेकिन
तेरे रंगों में समा के
मैं तो हो गई तुझसे इक रंग
मुबारक होली के ये रंग।