• Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. »
  3. पर्यटन
  4. »
  5. वन्य-जीवन
  6. विदेशों तक पहुंची कानन पेंडारी जू की प्रसिद्धि
Written By ND

विदेशों तक पहुंची कानन पेंडारी जू की प्रसिद्धि

रसियन पर्यटकों को रास आया जू

Russians Tourists | विदेशों तक पहुंची कानन पेंडारी जू की प्रसिद्धि
ND

बिलासपुर के कानन पेंडारी जू की प्रसिद्धि विदेशों तक पहुंच गई है। यह साबित कर दिया है कि कानन पेंडारी पहुंचे रशियन पर्यटकों ने। शनिवार को वहां पहुंचे रशिया के चार पर्यटक जू की आभा को देखकर ऐसे खो गए कि कि चार घंटे कैसे गुजर गए, उन्हें पता भी नहीं चला। हाथी के शावक को देखकर उनके मन में स्नेह की लहर दौड़ गई और उन्होंने बोतल से दूध पिलाते हुए उसे दुलारा भी।

5 नवंबर को दोपहर करीब 12 बजे चार विदेशी पर्यटक कानन पेंडारी के प्रवेश द्वार से जैसे ही अंदर दाखिल हुए, वहां मौजूद कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। विदेशी पर्यटकों में दो युवक, एक युवती और बुजुर्ग महिला थे। सबसे पहले उन्होंने मोगली गार्डन, बच्चों की टायट्रेन और बैटरी कार को देखा। जैसे ही वे फौव्वारा के पास पहुंचे, उन्हें जानकारी मिली कि जू में हाथी का नन्हा शावक आया है। इतना सुनते ही वे अपने आपको नहीं रोक पाए और वे अस्पताल के बाजू के उस केज में पहुंच गए, जहां हाथी को रखा गया था।

नन्हा हाथी को देखकर चारों पर्यटक भावुक हो गए और फोटो खींचने लगे। वे केज के बाहर थे। उनकी उत्सुकता और वन्यप्राणियों के लिए गजब का प्रेम को देखते हुए डीएफओ हेमंत पांडेय ने अतिथियों देवो भवः का परिचय दिया और उन्हें हाथी के नजदीक पहुंचने का अवसर दिया। इससे रशियन पर्यटक भी गदगद हो गए। हाथी के नजदीक पहुंचते हुए चारों उसे इस तरह दुलार करने लगे, जैसे वे हाथी को पहले से ही जानते हों।

ND
पर्यटकों का स्नेहभरा स्पर्श पाकर हाथी भी शांत होकर खड़ा हो गया। इस बीच उन्होंने बोतल से दूध भी पिलाया। अनुमति के बाद उन्हें फोटो खींचवाने की इजाजत भी मिल गई, बस क्या था, फोटो खींचने का दौर शुरू हो गया। कभी हाथी को गले लगाकर, तो कभी उसे दूध पिलाते हुए, कभी उसके नजदीक खड़े होकर फोटो खींची गई।

हालांकि उन्हें विदेशी पर्यटकों को हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा नहीं आ रही थी, लेकिन जाते-जाते उन्होंने अपनी भाषा में शुक्रिया कहा। नन्हें हाथी को देखने के बाद उन्होंने जू के अन्य वन्यप्राणियों को देखा। उनके चेहरे के भाव से यह बात साफ झलक रही थी कि यहां का वातावरण व वन्यप्राणियों के रखरखाव का तरीका उन्हें बेहद पसंद आया।

पक्षियों की चहचहाहट ने किया आकर्षित : जू में अलग-अलग प्रजातियों की पक्षियां रखी गईं हैं। सभी के लिए आशियाना एक जगह पर बनाए गए हैं। जैसे ही यह सैलानी इनके नजदीक पहुंचे और उनकी चहचहाहट सुनी, पक्षियों के बीच पहुंच गए। नन्हें हाथी के बाद सबसे ज्यादा समय उन्होंने इन्हीं के ही बीच गुजारा।