मंगलवार, 17 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. पर्यटन
  3. वन्य-जीवन
Written By श्रुति अग्रवाल

वन्य-जीवन का सही दर्पण – बाँधवगढ़

वन्य-जीवन का सही दर्पण – बाँधवगढ़ -
इन छुट्टियों को यदि आप हरियाली की गोद और वन्य जीव-जन्तुओं के साथ बिताना चाहते हैं तो बाँधवगढ़ आपके लिए सही जगह है। चार सौ अड़तालिस स्क्वायर किलोमीटर में फैला बाँधवगढ़ भारत के नेशनल पार्क में से एक है। यह जगह हिंदुस्तान की चुनिंदा टाइगर प्लेस में से एक मानी जाती है। यहाँ तक की विश्व प्रसिद्ध सफेद शेरों की जन्मस्थली भी यही है।


बाँधवगढ़ का इतिहास काफी रोचक है। यह लंबे समय से राजशाहों की पसंदीदा शिकारगाह रहा है। यूँ तो 1947 में ही रीवाँ रियासत को भारत सरकार ने अपने में मिला लिया था, लेकिन 1968 तक रीवाँ महाराज बाँधवगढ़ का उपयोग अपनी पसंदीदा शिकारगाह के रूप में करते रहे। 1968 में बाँधवगढ़ को नेशनल पार्क घोषित किए जाने के बाद से यहाँ पर शिकार प्रतिबंधित है

प्रमुख आकर्षणः-


वाइल्ड लाइफः- बाँधवगढ़ का प्रमुख आकर्षण यहाँ का जंगली जीवन है। बाँधवगढ़ शेर से लेकर चीतल, नील गाय, चिंकारा, बारहसिंगा, भौंकने वाले हिरण, साँभर, जंगली बिल्ली, जंगली भैंसे से लेकर 22 प्रजातियों के स्तनपायी जीव और लगभग 250 प्रजातियों के पक्षियों का रैन बसेरा है। यदि आप सही मौसम में सही वक्त पर बाँधवगढ़ आएँ तो आप इनमें से अधिकांश को निहार सकते हैं


यहाँ के जंगली जीवन को निहारने के लिए जीप या हाथी ही बेहतर सवारी मानी जाती है। घूमने के लिए आप सुबह से ही जंगल में निकल जाएँ, लेकिन शाम चार बजे से लेकर गोधूली बेला तक के बीच आप अधिकांश जानवरों खासकर बाघ को निहार सकते हैं


पुराना किलाः- बाँधवगढ़ के अंदर बना प्राचीन किला भी देखने योग्य है। पुरातत्व वेत्ताओ के अनुसार यह किला लगभग 2000 साल पुराना है। इस किले का उल्लेख शिव पुराण से लेकर नारद पंच रत्ना तक में आता है। किले के ऊपर कई सदियों तक अलग-अलग राजघरानों ने राज किया है। जिनमें से मगध, कल्चुरी और विक्रमादित्य सिंग के राजघराने प्रमुख हैं। आज किले का भग्नावशेष स्वरूप ही शेष है। लेकिन यहाँ की पुरानी दिवारों में इतिहास के कई राज कैद है।


कब जाएँ:- बाँधवगढ़ जाने का सही मौसम फरवरी से जून माह तक है। वैसे ठंड के दिनों में वाइल्ड लाइफ ज्यादा खूबसूरत लगती है। मानसून के कारण पार्क को 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बंद कर दिया जाता है।


कैसे जाएँ:- बाँधवगढ़ आप प्लेन, रेल या सड़क मार्ग, जिससे चाहे जा सकते हैं। यहाँ का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जबलपुर है। लेकिन आप खजुराहो या दिल्ली से यहाँ के लिए सीधे फ्लाइट ले सकते हैं। इसके अलावा आप कटनी, सतना, जबलपुर या देश के किसी भी हिस्से से यहाँ के लिए रेल या बस सुविधा ले सकते हैं


कहाँ ठहरेः- यहाँ फॉरेस्ट के होटल में दो से तीन हजार रुपए में बढ़िया एयरकूल्ड और एसी रुम उपलब्ध हैं। जंगल के बीचोंबीच बने इन खूबसूरत ब्रिटिश कालीन भवनों में रहना एक अलग अनुभव है। लेकिन यदि आपका बजट कम है तो जंगल के बाहर सस्ते होटल और धर्मशालाएँ भी हैं।


बजटः- यहाँ आप पाँच हजार से लेकर बीस हजार रुपए में अच्छी छुट्टियाँ बिता सकते हैं। बजट इस बात पर निर्भर करता है कि आप यात्रा के किस साधन का इस्तेमाल कर रहे हैं और वह बाँधवगढ़ से कितना दूर हैं।

मानचित्र में स्थितिः- बाँधवगढ़ रीवाँ के शहडोल जिले में स्थित है। रीवाँ मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में शामिल है। यह हिंदुस्तान के बीचोंबीच स्थित है। इसलिए आप भारत में कहीं भी घूमने जाएँ, यहाँ के लिए आसानी से साधन उपलब्ध हो जाएँगे


टिप्सः- बाँधवगढ़ जाते समय कॉटन पहनें तो अच्छा होगा। कोशिश करें की कपड़े भड़कीलें न हों

अपने साथ गरम कपड़े जरूर रखें। सुबह और शाम के वक्त खुली जीप में घूमते समय इसकी खास जरूरत पड़ती है

उत्साह में आप या बच्चे जानवर को पास से देखने की उत्सुकता में जीप से नहीं उतरे

गाइड जो भी दिशा-निर्देश दे, उसका पालन करें। शिकार करने की बात सपने में भी न सोचे। न ही जंगली जीवों या वन संपदा को कुछ नुकसान पहुँचाएं