इस दिवाली, अपना मन भी करें साफ...जानिए कैसे
डॉ. अर्चना मेहता
हर साल दिवाली पर हम अपने घर की साफ-सफाई और सजावट करते हैं, लेकिन अपने मन की नकारात्मकता की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता। जरा सोचिए अगर घर के साथ मन की भी सफाई हो जाए, तो दिवाली कितनी अच्छी होगी। घर और मन के साथ पूरी दुनिया हमें रौशन और जगमगाती नजर आएगी। फिर अच्छे काम में देरी क्यों, जानिए मन की सफाई कैसे करें -
1 घर की तरह क्यों न मन को भी खूबसूरत बनाएं। मन के द्वार एवं खिड़कियों पर आत्मविश्वास का रंग-रोगन करें और पूरी दुनिया में उसकी रौशनी बिखराएं।
2 अशांत से मन को कुछ तो राहत पहुंचाएं, हम नियमित ध्यान के जल से मन में पोंछा लगाएं। इससे मन के फर्श पर अशांति के दाग-धब्बे मिटेंगे।
3 हम अपनी रचनात्मक अभिरुचियों से मन को सजाएं-संवारें और जितना हो सके उसे खूबसूरत बनाएं ।
4 अपने मनरूपी घर में हम पवित्रता की अगरबत्ती जलाएं ताकि जो भी हमारे संपर्क में आए, उसका मन भी इसकी भीनी-भीनी खुशबू से हर्षित हो। मां लक्ष्मी भी इससे प्रसन्न होंगी।
5 हम अपने मन में आशाओं के दीप जलाएं, तभी मन से निराशा का अंधकार दूर होगा, और हम दूसरों को भी ज्ञान का प्रकाश बांट सकेंगे।
6 मन में मीठे वचनों की मिठाई बनें। जिससे भी हम मिलें, इन मीठे वचनों की स्वादिष्ट सौगातें उसे मिलें। हर रिश्ते में मिठास घुल जाए।
7 कभी हमारे मन में खुशियां मेहमानी करने आती हैं, तो कभी दुःख। हम इनका समान रूप से स्वागत करें। खुशियां यदि हमें प्यारी लगती हैं, तो दुःख भी हमें बहुत कुछ सिखाकर ही जाते हैं।
8 मन में क्रोधरूपी डाकू के प्रवेश का खतरा सदा रहता है। यह वर्षों से संचित कीमती सद्विचारों की पूंजी को पलभर में हमसे लूट ले जाता है। इसके लिए दृढ़ संकल्परूपी चौकीदार को दरवाजे पर नियुक्त करें ताकि क्रोध अंदर आ ही न सके।
इस प्रकार हम अपने मन को ईश्वर के रहने लायक बनाएं। ईश्वर जब इसमें विराजित होंगे, तब आनंद की प्राप्ति होगी जिसको पाने के लिए हम जन्मों-जन्मों से प्यासे हैं।