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भाजपा की दिल्ली पराजय का अर्थ

भाजपा की दिल्ली पराजय का अर्थ - BJP
दिल्ली में भाजपा की हार की रूपरेखा वर्ष 2013 से बनना शुरू हुई थी और यह फरवरी 2015 में पूरी हुई। इस संदर्भ में एक उल्लेखनीय बात यह है कि इस अंतराल में भाजपा के वोट शेयर में मात्र 0.9 अंकों की कमी हुई। विदित हो कि यह पहले जहां 33.07 प्रतिशत था लेकिन अब यह 32.2 प्रतिशत तक ही नीचे आया। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों से लेकर 2015 के राज्य चुनाव के दौरान भाजपा के वोट शेयर में 14.32 फीसदी की गिरावट आई है। पहले जहां पार्टी का वोट शेयर 46.52 प्रतिशत था लेकिन बाद में यह 32.2 प्रतिशत तक नीचे आ गया। 
 
इसका सीधा सा अर्थ है कि दिल्ली में मोदी फैक्टर समाप्त हो गया जबकि आप के वोट शेयर में बहुत तेज बढ़त देखी गई। आप ने 2013 में जो वोट शेयर हासिल किया था, उसमें भी लोकसभा चुनाव के दौरान 3.5 अंकों की बढ़त देखी गई थी। वर्ष 2013 में आप को 29.49 फीसदी वोट हासिल हुए थे लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान इसका वोट शेयर 33 प्रतिशत हो गया था।
 
लेकिन इस बार भाजपा-कांग्रेस विरोधी मतों के कारण आप को 54.3 फीसदी वोट हासिल हुए। पार्टी को लगभग सभी वर्गों के वोट मिले। दिल्ली के दक्षिण, मध्य और कुछ उत्तर दिल्ली के निर्वाचन क्षेत्रों की 12 हाई इनकम एरियास में से आप को सर्वाधिक वोट मिले। जबकि 2013 के विधानसभा चुनावों में इनमें से केवल चार में आप को जीत हासिल हुई थी।
 
इन चुनावों का राजनीतिक स्तर पर एक अर्थ यह भी निकलकर सामने आया है कि मोदी और शाह की जोड़ी अपराजेय नहीं है। अभी तक इनके अपराजित होने का भ्रम पैदा हो गया था जो कि अब समाप्त हो गया है। इसके साथ ही, यह बात भी उभरकर सामने आई है कि मोदी को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती देने के लिए केजरीवाल सामने आए हैं। इस वर्ष अक्टूबर में होने वाला बिहार विधानसभा का चुनाव मोदी-शाह की जोड़ी के लिए और भी बड़ा साबित होने वाला है। 
 
इस घटना का आर्थिक मोर्चे पर प्रभाव पड़ने वाला है। भाजपा के सभी विरोधी दल अब नए जोश से सुधार कानूनों को रोकने के लिए आगे आएंगे। इस कारण भाजपा को अपनी नीतियों में भी बदलाव लाने पड़ सकते हैं। इस करारी हार के बाद लोगों में अपनी साख को फिर से जमाने के लिए सरकार ऐसा बजट पेश करना चाहेगी जो कि ज्यादातर लोगों को संतुष्ट कर सके। इस कारण बजट और भी महत्वपूर्ण हो गया है और संभव है कि भविष्य में इस बात का ध्यान रखा जाए कि मोदी के वादों और उनके पूरे किए जाने पर विशेष ध्यान दिया जाए।