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Last Modified: रविवार, 25 अप्रैल 2021 (18:38 IST)

राहुल गांधी का आरोप, छवि बचाने के लिए मौत के आंकड़ों को छुपा रही है सरकार

राहुल गांधी का आरोप, छवि बचाने के लिए मौत के आंकड़ों को छुपा रही है सरकार - rahul gandhi message to congress workers amid coronavirus crisis
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ‘फर्जी छवि’ को बचाने के लिए कोरोना महामारी से जुड़े सच को छिपाया रहा है और मौतों का आंकड़ा कम बताया जा रहा है।
 
उन्होंने ट्वीट किया, ‘सिस्टम’ फ़ेल है इसलिए ये जनहित की बात करना ज़रूरी है : इस संकट में देश को ज़िम्मेदार नागरिकों की ज़रूरत है। अपने कांग्रेस साथियों से मेरा अनुरोध है कि सारे राजनीतिक काम छोड़कर सिर्फ़ जन सहायता करें, हर तरह से देशवासियों का दुख दूर करें। कांग्रेस परिवार का यही धर्म है।’
 
कांग्रेस नेता अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सच पर पर्दा डाला जा रहा है, ऑक्सीजन की कमी से इंकार किया जा रहा है और मौतों के आंकड़े को कम बताया जा रहा है। भारत सरकार अपनी फर्जी छवि बचाने के लिए सबकुछ कर रही है।
 
गौरतलब है कि देश में एक दिन में कोविड-19 के 3,49,691 नए मामले सामने आने से रविवार को कुल संक्रमितों की संख्या 1,69,60,172 हो गई जबकि 2767 मरीजों की मौत से मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 1,92,311 हो गई।
 
सीरो सर्वे में बड़ा खुलासा : वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा कराए कराए गए सीरो सर्वेक्षण के अनुसार पिछले साल सितंबर में कोविड-19 के मामलों में जबरदस्त वृद्धि के बाद 'सीरो पॉजिटिव' लोगों में 'असरदार एंटीबॉडी' नहीं मिलने के कारण संभवत: इस वर्ष मार्च में संक्रमण के मामलों में फिर से उछाल देखा गया है। सीएसआईआर ने 17 राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेश में अपनी 40 से ज्यादा प्रयोगशालाओं में काम करने वाले 10,427 लोगों और उनके परिवार को सदस्यों का सीरो सर्वे किया। इन 10,427 लोगों की औसत 'सीरो पॉजिटिविटी' 10.14 प्रतिशत थी।
 
सर्वे में कहा गया है कि पांच-छह महीने के बाद न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी में तेजी से गिरावट आई, जिसके चलते लोगों के दोबारा संक्रमण की चपेट में आने की आशंका बढ़ गई। सर्वे के अग्रणी लेखकों में से एक शांतनु सेनगुप्ता ने कहा कि सितंबर 2020 में देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले चरम पर पहुंच गए थे। अक्टूबर से देशभर में नए मामलों में कमी आनी शुरू हुई थी।
 
सर्वे में कहा गया है कि 'हमारे आंकड़ों से पता चलता है कि एंटी-एनसी (न्यूक्लियोकैप्सिड) एंटीबॉडी लंबे समय तक किसी व्यक्ति के वायरल या संक्रमण के चपेट में रहने के सबूत प्रदान करती हैं, लेकिन सर्वे में लगभग 20 प्रतिशत सीरो पॉजिटिव व्यक्तियों में ऐसी एंटीबॉडी मिली जो 5-6 महीनों के बाद कम सक्रिय हो जाती है। सर्वे में कहा गया है कि हमारा आकलन है कि इसका संबंध मार्च 2021 में कोरोना वायरस प्रकोप के जोर पकड़ने से हो सकता है। (इनपुट भाषा)
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