नई दिल्ली। भारत जब कोरोना वायरस की महामारी से लड़ाई लड़ रहा है तो ऐसे में व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर घूम रहीं फर्जी खबरें समस्या उत्पन्न कर रही हैं। ऐसी ही कुछ खबरों में देश में आपातकाल की घोषणा और लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने जैसे दावे भी किए जा रहे हैं।
हालांकि, आधिकारिक और तथ्यों की जांच करने वाली निजी एजेंसियों ने तत्काल ऐसी खबरों का खंडन कर इन्हें फर्जी और अफवाह करार दिया है। इतना ही नहीं, धोखाधड़ी के कार्यों में लिप्त कुछ लोग सरकार के राहत कोष में दान के लिए फर्जी बैंक खाता देकर लोगों को चूना लगाने की कोशिशों में भी लगे हैं।
इन खबरों के चलते अनेक लोग 1 अप्रैल से पहले ही सोमवार को अप्रैल फूल बन गए। सोशल मीडिया पर मंगलवार को एक फर्जी दस्तावेज को सरकारी दस्तावेज के रूप में पेश कर सरकार द्वारा 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की बात कही गई। भारतीय सेना को भी इस फर्जी खबर का खंडन करना पड़ा कि अप्रैल में देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की जाने वाली है।
सेना के अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सेवानिवृत्त कर्मियों, नेशनल कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत पंजीकृत स्वंयसेवकों की मदद लेने का कोई प्रयास नहीं किया गया है।
सेना के जन सूचना विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजीपीआई) ने ट्वीट किया कि सोशल मीडिया पर अप्रैल के मध्य में देश में आपातकाल लगाने और नागरिक प्रशासन की मदद के लिए भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्मियों, एनसीसी और एनएसएस की सहायता लेने के फर्जी और दुर्भावनापूर्ण संदेश फैलाए जा रहे हैं।एडीजीपीआई ने ट्वीट किया कि स्पष्ट किया जाता है कि ये पूरी तरह फर्जी हैं।
सरकार ने भी इन अफवाहों को खारिज किया कि 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की उसकी कोई योजना है। मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा का स्पष्टीकरण ऐसे समय आया, जब पिछले 5 दिनों में हजारों मजदूर लॉकडाउन के चलते रोजगार छिन जाने के कारण सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों के लिए पैदल ही यात्रा करते देखे गए।
सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट किया कि ऐसी अफवाहें हैं और मीडिया में खबरें हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि सरकार 21 दिन के बाद लॉकडाउन की अवधि बढ़ा देगी। मंत्रिमंडल सचिव ने इन खबरों को खारिज किया है और इन्हें निराधार बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी समाज कल्याण के लिए काम करने वाले संगठनों के साथ चर्चा में उनसे कोरोना वायरस पर गलत जानकारी और अंधविश्वास का मुकाबला करने को कहा। पीआईबी के फैक्ट चेक टि्वटर हैंडल पर कहा गया कि लोग पीएम केयर्स फंड के नाम पर सोशल मीडिया पर फैले फर्जी बैंक खातों को लेकर
सतर्क रहें।
दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध इकाई ने रविवार को पीएम केयर्स फंड के नाम पर दानदाताओं को ठगने के लिए बनाई गई फर्जी यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस आईडी का पता लगाया था। इसी तरह कोरोना वायरस के उपचार को लेकर भी सोशल मीडिया पर कई तरह की गलत जानकारियां दी जा रही हैं।
पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट किया कि इस बात का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है कि गरम पानी की भाप लेने से कोरोना वायरस मर जाता है। श्वसन संबंधी स्वास्थ्य, भौतिक दूरी बनाए रखने और हाथ धोना कोविड-19 के प्रसार को रोकने का प्रभावी तरीका है।