• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. Bombay High Court reprimands Maharashtra government
Written By
Last Updated : मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022 (18:40 IST)

हाईकोर्ट ने Maharashtra सरकार को लगाई फटकार- बिना टीके वाले यात्रियों पर यात्रा-प्रतिबंध वापस लेंगे?

हाईकोर्ट ने Maharashtra सरकार को लगाई फटकार- बिना टीके वाले यात्रियों पर यात्रा-प्रतिबंध वापस लेंगे? - Bombay High Court reprimands Maharashtra government
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि क्या वह कोविडरोधी टीके नहीं लगवाए व्यक्तियों को लोकल ट्रेन में यात्रा से प्रतिबंधित करने को लेकर पिछले साल जारी अपनी अधिसूचनाएं वापस लेने की इच्छुक है?

 
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कहा कि जो बीत गया उसे जाने दें। एक नई शुरुआत होने दें। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती मंगलवार को अदालत को यह सूचित करेंगे कि क्या राज्य सरकार केवल पूरी तरह से टीकाकरण कराए व्यक्तियों को ही उपनगरीय रेलगाड़ियों में यात्रा करने की अनुमति देने का अपना फैसला वापस ले लेगी।
 
न्यायमूर्ति दत्ता और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की खंडपीठ 2 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें मांग की गई थी कि मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के सभी लोगों को लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दी जाए, भले ही उनके कोविड-रोधी टीकाकरण की स्थिति कुछ भी हो।
 
जनहित याचिकाओं में महाराष्ट्र सरकार द्वारा पिछले साल जुलाई और अगस्त में जारी 3 अधिसूचनाओं को चुनौती दी गई थी जिनमें बिना टीकाकरण वाले लोगों को मुंबई की जीवन रेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेन में यात्रा करने से रोक दिया गया था।
 
पिछली सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने उन 3 अधिसूचनाओं की फाइल राज्य सरकार से मांगी थीं जिन्हें चुनौती दी गई थी। अदालत ने महसूस किया था कि बिना टीकाकरण वाले लोगों को लोकल ट्रेन में यात्रा करने से रोकने का निर्णय तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा एकतरफा लिया गया था।
 
अदालत ने सोमवार को कहा कि मुख्य सचिव को आदेश (इस तरह के प्रतिबंध की अधिसूचना) वापस लेना होगा। उनके पूर्ववर्ती (कुंटे) ने जो कुछ भी किया है वह कानून के अनुरूप नहीं है। अदालत ने कहा कि इसे वापस लें और लोगों को अनुमति दें। अब, कोविड-19 की स्थिति में सुधार हुआ है। महाराष्ट्र ने इसे बहुत अच्छी तरह से संभाला है। आप बदनामी क्यों लेना चाह रहे हैं?
 
अदालत ने कहा कि सरकार को समझदार होना चाहिए और इस मुद्दे को प्रतिकूल मुकदमे के रूप में नहीं लेना चाहिए। इसके साथ ही इसने मंगलवार को दोपहर तक मुख्य सचिव से जवाब दाखिल करने को कहा।
ये भी पढ़ें
काम की बात : सोशल मीडिया कैसे बन सकता है कमाई का जरिया