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Written By समय ताम्रकर

द अमेजिंग स्पाइडरमैन 2 : मूवी रिव्यू

Movie Review the Amazing Spider-Man 2, | द अमेजिंग स्पाइडरमैन 2 : मूवी रिव्यू
सुपरहीरो की फिल्मों की शुरुआत एक धमाकेदार एक्शन सीन से होती है और 'द अमेजिंग स्पाइडरमैन 2' के आरंभ में भी ऐसा ही सीन देखने को मिलता है। एक प्लेन में पीटर पार्कर के मॉम-डैड किस तरह मारे गए थे, को निर्देशक ने शुरुआत में ही रखा है, फिल्म के प्रति मूड सेट कर देता है।

पीटर के पिता रिचर्ड पार्कर का जीवन खतरे में रहता है इसलिए पीटर को वे उसकी आंटी के पास छोड़ जाते हैं। साथ ही वे अपने काम के बारे में जानकारी भी छोड़ जाते हैं, जिसको पीटर समझने की कोशिश करता है। इसके बाद पीटर पार्कर उर्फ स्पाइडरमैन की शानदार एंट्री होती है। एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग पर छलांग मारता हुआ वह जुटा हुआ है लोगों का जीवन बचाने में।

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अपने किए गए वादे और कर्तव्य के कारण उसका गर्लफ्रेंड ग्वेन के साथ ब्रेक-अप भी हो जाता है। सुपरहीरो होने के बावजूद उसकी जिंदगी आसान नहीं है। रोजाना नई चुनौतियां उसके सामने आती हैं। उसके सामने इलेक्ट्रो नामक विलेन आ खड़ा होता है। साथ ही उसके बचपन के दोस्त हैरी की पीटर की जिंदगी में फिर एंट्री होती है जो ऑसकॉर्प का सीईओ है और वह स्पाइडरमैन के खून से अपनी बीमारी का इलाज करना चाहता है। कैसे स्पाइडरमैन इन चुनौतियों से निपटता है? यह फिल्म का सार है।

सुपरहीरो के प्रशंसक फिल्म में हैरत-अंगेज दृश्य देखने के लिए जाते हैं और 'द अमेजिंग स्पाइडरमैन 2' में पेट भर कर इस तरह के सीन देखने को मिलते हैं, जिन्हें पैसा वसूल कहा जा सकता है। स्पाइडरमैन का लोगों से जीवन बचाने से लेकर तो न्यूयॉर्क की सड़कों पर इलेक्ट्रो से टक्कर वाले सीन कमाल के हैं और उनमें नवीनता भी देखने को मिलती है। इलेक्ट्रो का पुलिस की कारों और साइन बोर्ड्स को उड़ाना जबरदस्त है। क्लाइमेक्स में भी शानदार एक्शन देखने को मिलता है।

निर्देशक मार्क वेब ने सुपरहीरो की कहानी में उसकी प्रेम कहानी को बेहतरीन तरीके से गूंथा है। जहां स्पाइडरमैन के रूप में पीटर पार्कर लार्जर देन लाइफ कारनामे करता है, वहीं उसकी प्रेम कहानी एक सामान्य इंसान जैसी है। उसकी जिंदगी के इन दो पहलुओं को खूबसूरती से दिखाया गया है। खासतौर पर पीटर और ग्वेन की लवस्टोरी दिल को छूती है और उनके दर्द को दर्शक महसूस करते हैं।

खलनायक के चरित्र-चित्रण में 'द अमेजिंग स्पाइडरमैन 2' मार खाती है। विलेन जितना दमदार और ताकतवर होगा, उतना ही हीरो शक्तिशाली नजर आएगा। मैक्स डिल्लन को स्पाइडरमैन का प्रशंसक दिखाया गया है। उसका इलेक्ट्रो में परिवर्तित होकर अचानक स्पाइडरमैन के खिलाफ हो जाना अखरता है। उसके पास स्पाडरमैन के खिलाफ होने के ठोस कारण नहीं था, इसलिए विलेन के रूप में वह काफी हल्का लगता है।

इसी तरह हैरी और पीटर की दोस्ती और दुश्मनी को भी बेहतर तरीके से दिखाया जा सकता था। हैरी के पास स्पाइडरमैन से लड़ने का ठोस कारण था, लेकिन निर्देशक और लेखक ने इसका पूरा फायदा नहीं उठाया। फिल्म में कई सब-प्लॉट और किरदारों की भीड़ भी हैं, जिनमें से कुछ गैर-जरूरी लगते हैं।

स्क्रिप्ट की ये खामियां फिल्म पर समग्र रूप से प्रभाव नहीं डालती क्योंकि भव्य एक्शन सीन और शानदार स्पेशल इफेक्ट्स के डोज लगातार मिलते रहते हैं और सुपरहीरो की फिल्मों में यही बात सबसे अहम होती है। फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स, सिनेमाटोग्राफी और तकनीकी पहलू चकित करते हैं। थ्री-डी तकनीक में ये और भी प्रभावी हैं।

एंड्रयू गारफील्ड ने फर्ज और प्रेम के बीच फंसे व्यक्ति की भूमिका प्रभावी तरीके से निभाई है। खासतौर पर रोमांटिक दृश्यों में वे अच्छे लगे हैं। एमा स्टोन और एंड्रयू की केमिस्ट्री बेहद जमी है। एमा ने ऐसी लड़की का रोल अदा किया है जिसके पास दिमाग है और वह स्पाइडरमैन की ताकत का बखूबी उपयोग करती है। जैमी फॉक्स का किरदार ठीक से नहीं लिखा गया है। हैरी के रूप में डैन डेहान प्रभावित करते हैं।

कुल मिलाकर 'द अमेजिंग स्पाइडरमैन 2' में वो सारे मसाले हैं जो एक सुपरहीरो की फिल्म में जरूरी होते हैं।

निर्माता : एवी एरड, मैट टॉलमच
निर्देशक : मार्क वेब
कलाकार : एंड्रयू गारफील्ड, एमा स्टोन, जैमी फॉक्स
3डी * 2 घंटे 22 मिनट
रेटिंग : 3.5/5