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Written By समय ताम्रकर

हैप्पी भाग जाएगी : फिल्म समीक्षा

हैप्पी भाग जाएगी : फिल्म समीक्षा - Happy Bhag Jayegi, Diana Penty, Film Review, Samay Tamrakar, Mudssar Aziz, Ahbay Deol
हैप्पी भाग जाएगी के कई निर्माताओं में से एक आनंद एल. राय भी हैं और उनकी 'तनु वेड्स मनु' की छाप 'हैप्पी भाग जाएगी पर नजर आती है। हालांकि इस फिल्म का निर्देशन मुदस्सर अजीज ने किया है जिन्होंने 'दूल्हा मिल गया' जैसी खरा‍ब फिल्म इसके पहले बनाई थी। 
 
पाकिस्तान के एक्स गर्वनर का बेटा बिलाल अहमद (अभय देओल) कांफ्रेंस में हिस्सा लेने अमृतसर आता है। लौटते समय उसे उपहार मिलते हैं जो एक ट्रक द्वारा लाहौर ले जाए जाते हैं। इस ट्रक में हैप्पी ‍(डायना पेंटी) गलती से छिप जाती है। हैप्पी की शादी उसके पिता बग्गा (जिमी शेरगिल) से तय कर देते हैं। 
 
हैप्पी को यह रिश्ता पसंद नहीं है। वह गुड्डू (अली फज़ल) से प्यार करती है। शादी वाले दिन घर से भागकर हैप्पी गलती से बिलाल वाले ट्रक में घुस कर लाहौर पहुंच जाती है। हैप्पी को वहां देख बिलाल चकित रह जाता है। वह हैप्पी को वापस भारत भेजना चाहता है, लेकिन हैप्पी तैयार नहीं है। उसे भय है कि भारत लौटते ही उसकी शादी बग्गा से करा दी जाएगी। वह बिलाल को धमकी देती है कि यदि उसने ऐसी कोशिश की तो इससे उसका राजनीतिक करियर खतरे में पड़ सकता है। 
 
बिलाल इसका हल ढूंढता है और गुड्डू को पाकिस्तान लाता है ताकि दोनों की शादी करा कर उन्हें भारत लौटा सके। इधर बग्गा को पता चल जाता है कि हैप्पी और गुड्डू पाकिस्तान में हैं। वह और हैप्पी के पिता भी पाकिस्तान पहुंच जाते हैं। इसके बाद भागमभाग होती है और हैप्पी एंडिंग के साथ फिल्म खत्म होती है। 
फिल्म की कहानी, पटकथा और संवाद मुदस्सर अज़ीज़ ने ही लिखे हैं। फिल्म की कहानी पढ़ने में विश्वसनीय नहीं लगती है क्योंकि बहुत सारे झोल इसमें नजर आते हैं, लेकिन मुदस्सर का स्क्रीनप्ले और प्रस्तुतिकरण उम्दा है। मनोरंजन का डोज़ लगातार दर्शकों को मिलता रहता है जिस कारण हम कहानी की खामियों को नजरअंदाज करते चले जाते हैं। 
 
फिल्म के मुख्य किरदार हैप्पी को अच्छे तरीके से गढ़ा गया है। हैप्पी कोई भी फैसला लेने में एक सेकंड की देरी नहीं लगाती। कैसी भी परिस्थिति हो वह नहीं घबराती। जो हैप्पी के संपर्क में आता है हैप्पी जैसा बन जाता है। हैप्पी के आने से बिलाल की लव लाइफ और सोच में किस तरह परिवर्तन आता है यह बखूबी दिखाया गया है। 
 
 
भारत-पाकिस्तान को लेकर अच्छे-खासे मजाक किए गए हैं। एक पाकिस्तान पुलिस ऑफिसर को यही अफसोस होता रहता है कि गांधीजी, गालिब, कपिल देव हमारे पाकिस्तान में क्यों नहीं हुए। वह भारत आकर नमक खाने से परहेज करता है, लेकिन यह जानकर हैरान रह जाता है कि पाकिस्तान में नमक भारत से ही आता है। 
 
फिल्म में कुछ मजेदार दृश्य हैं, जैसे बिलाल का अपने पिता को समझाना कि उसकी दिवंगत मां घर में दिखती रहती है, अफरीदी और गुड्डू की उर्दू पर चर्चा, पाकिस्तानी और भारतीय का दूसरे देश में जाकर यह महसूस करना कि हम एक जैसे ही हैं, हंसाते हैं। 
 
फिल्म का पहला हाफ उम्दा है। दूसरे हाफ में फिल्म थोड़ी लड़खड़ाती है क्योंकि कुछ सब-प्लॉट उतने मजेदार नहीं हैं, हैप्पी और गुडडू की लव स्टोरी थोड़ी कच्ची लगती है, लेकिन अंत में फिल्म फिर ट्रैक पर आ जाती है। 
 
मुदस्सर अज़ीज़ के लिखे संवाद हंसाते हैं, जैसे एक किरदार का पाकिस्तान में कहना कि 'यहां बंदूक के बिना बात करो तो कोई सुनता ही नहीं।' 
 
निर्देशक के रूप में मुदस्सर प्रभावित करते हैं। अपनी कहानी की कमियों को उन्होंने निर्देशन के जरिये छिपा लिया। सिचुएशनल कॉमेडी के जरिये उन्होंने दर्शकों को हंसाया है।  हैप्पी के किरदार को उन्होंने दूसरे किरदारों के जरिये विकसित किया है जो थोड़ा अखरता है, इस वजह से हैप्पी को फिल्म में कम जगह मिलती है जबकि दर्शक हैप्पी को ज्यादा परदे पर देखना चाहते थे। शायद अभय देओल के कारण उन्होंने यह समझौता किया है।
 
अभिनेताओं का पूरा सहयोग निर्देशक को मिला है। पिछली बार 'कॉकटेल' में नजर आईं डायना पेंटी ने हैप्पी की भूमिका बढ़िया तरीके से अदा की है। हालांकि उनके अभिनय में थोड़ी गुंजाइश थी, लेकिन तेज-तर्रार किरदार को उन्होंने वो सब कुछ दिया जो जरूरी था। 
अभय देओल हमेशा की तरह उम्दा रहे। उन्हें कॉमेडी करते देख अच्छा लगता है।  जिमी शेरगिल तनु वेड्स मनु वाले अवतार में ही नजर आएं और एक बार फिर उनके हाथ से लड़की निकल गई। अली फज़ल का उपयोग कम ही हुआ। पाकिस्तानी अभिनेत्री मोमल शेख का अभिनय औसत रहा है। पुलिस ऑफिसर अफरीदी के रूप में पियूष मिश्रा ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया है। 
 
फिल्म का संगीत ठीक है। हिट गाने की कमी अखरती है। तकनीकी रूप से फिल्म ठीक है। 
 
कुल मिलाकर 'हैप्पी भाग जाएगी' दर्शकों को हैप्पी करती है। 
 
बैनर : इरोस इंटरनेशनल, ए कलर येलो प्रोडक्शन
निर्माता : कृषिका लुल्ला, आनंद एल. राय 
निर्देशक : मुदस्सर अज़ीज़ 
संगीत : सोहेल सेन 
कलाकार : अभय देओल, डायना पेंटी, जिमी शेरगिल, मोमल शेख, अली फज़ल, पियूष मिश्रा
सेंसर सर्टिफिकेट : यू * 2 घंटे 6 मिनट 
रेटिंग : 3/5 
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